नई दिल्ली: भारतीय फिल्म उद्योग की प्रख्यात अभिनेत्री श्रीदेवी ने गोवा में चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2017 के भारतीय पेनोरमा वर्ग का उद्घाटन किया। बुधवार को भारत पेनोरमा की दो शुरुआती फिल्मों 'पीहू' और 'पुष्कर पुराण' के लिए विशेष प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें फिल्म निर्देशक कमल स्वरूप, विनोद कापड़ी और बाल कलाकार मायरा विश्वकर्मा उपस्थित थे।
उपस्थित लोगों को 'पीहू' के बारे में बहुत जिज्ञासा थी। यह फिल्म दो वर्षीय बच्ची के बारे में है जो अपनी मां को जगाने में नाकाम होने पर एक विशाल फ्लैट में भोजन तलाश करती है। इस दौरान बार-बार उसका ध्यान अपने पिता के टेलीफोन से भंग होता रहता है जो उसकी मां से बात करने की कोशिश में रहते हैं। पूरी फिल्म में दर्शकों के लिए रहस्य और रोमांच का वातावरण बना रहता है। धीरे-धीरे यह रहस्य बढ़ता जाता है। बीच-बीच में हास्य का पुट भी मौजूद है।
फिल्म के बारे में निर्देशक विनोद कापड़ी ने बताया कि 'पीहू' सिर्फ 2 साल की बच्ची की कहानी नहीं है। इसके अलावा फिल्म में यह बच्ची एकमात्र पात्र भी नहीं है। कलाकार बच्ची का पूरा परिवार और फिल्म बनाने वाले लोग निर्माण के दौरान उसी मकान में रहे थे।
दूसरी फिल्म कमल स्वरूप की 'पुष्कर पुराण' थी। यह फिल्म राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित पुष्कर शहर के बारे में है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह कार्तिक के महीने में पूरा शहर मेले में बदल जाता है और वहां ग्रामीणों, लोक कलाकारों, संगीतकारों, मवेशियों, ऊंटों, घोड़ों आदि का जमावड़ा हो जाता है।
फिल्म के प्रदर्शन के पूर्व निर्देशक कमल स्वरूप ने आयोजकों, निर्णायक मंडल और दर्शकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे खुद अजमेर के रहने वाले हैं और फिल्म बनाने में कल्पना के साथ-साथ उनका अनुभव भी काम आया है।