मुंबई: 'छपाक' के अभिनेता विक्रांत मेस्सी का कहना है कि उनकी कोशिश रहेगी कि वे ऐसे परियोजनाओं का हिस्सा बनें, जिसकी कहानी महत्वपूर्ण हो, क्योंकि सिनेमा समाज को आकार देने में सहायक होती है।
हालांकि कोई भी फिल्म अपराध का महिमामंडन नहीं करती है, खासकर महिलाओं से जुड़े अपराध का, जिसमें हमने हाल ही में बढ़ोत्तरी होते देखा है। सवाल यह उठता है कि अगर सिनेमा दर्शकों के दिमाग पर असर डालता है, तो वह ऐसे अपराध करने वाले युवाओं की मानसिकता को बदलने में नाकाम क्यों है?
इस पर विक्रांत ने आईएएनएस से कहा, "सिनेमा हमेशा से समाज को आकार देने में सहायक रही है, न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनियाभर में। यहां तक की पश्चिमी सिनेमा ने भी क्रांति लाने में और लोगों के बीच बातचीत शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब मैं क्रांति कहता हूं, तो मैं यह नहीं कह रहा हूं कि फिल्में देखने के बाद लोग सड़कों पर उतरेंगे और नारे लगाने लगेंगे। किसी विषय को आगे ले जाने के विचार से क्रांति हो सकती है, और सिनेमा में ऐसा करने की शक्ति है।"