मुंबई: बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता और निर्माता शशि कपूर का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 79 साल के थे। उन्होंने कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपने समय के व्यस्ततम अभिनेताओं में शामिल शशि ने अपने लंबे फिल्मी करियर में कई जानी-मानी फिल्मों में काम किया था जिनमें 'शर्मीली', 'दीवार', 'कभी-कभी', 'क्रांति' और 'नमक हलाल' शामिल हैं। वह दिवंगत अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे। शशि अपने पीछे दो बेटों कुणाल कपूर और करण कपूर एवं एक बेटी संजना कपूर को छोड़ गए हैं। उनके निधन के साथ ही कपूर परिवार के एक युग का खात्मा हो गया।
शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था। वह स्वर्गीय राज और शम्मी कपूर के छोटे भाई हैं। उन्होंने चार साल की उम्र में ही अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के नाटकों में अभिनय करना शुरु कर दिया था। 40 के दशक में उन्होंने फ़िल्मों में काम करना शुरू कर दिया। बाल कलाकार के रूप में 'आग' (1948) और 'अवारा' (1951) उनकी यादगार फ़िल्में हैं। इन फ़िल्मों में उन्होंने अपने बड़े बाई राज कपूर के बचपन की भूमिका की थी।बतौर हीरो 'धर्मपुत्र' उनकी पहली फ़िल्म थी जो 1961 में आई थी। इसके बाद उन्होंने 100 से ज़्यादा हिंदी फ़िल्मों में काम किया। हिंदी फिल्मों में योगदान के लिए शशि को 2014 में दादा साहब फाल्के पुरुस्कार से भी नवाजा गया था।
हिंदी फिल्मों में योगदान के लिए शशि को दादा साहब फाल्के पुरुस्कार से भी नवाजा गया था। (PTI Photo)
शशि कपूर देश से बाहर की फिल्मों में काम करने वाले अभिनेतों में से एक हैं। उन्होंने 'दि हाउसहोल्डर' (1963), 'शैक्सपियर वाला' (1965), 'बॉम्बे टॉकी' (1970) और 'हीट एण्ड डस्ट'(1982) जैसी फिल्मों में किया। 1978 में शशि कपूर ने अपनी फ़िल्म कंपनी 'फिल्म वाला' खोली। इस कंपनी के बैनर तले 'जुनून' (1978), 'कलयुग' (1981), '36चौरंगी लेन' (1981), 'विजेता' (1982) और 'उत्सव' (1984) जैसी फिल्में बनीं जो बोहद सराही गईं।