नई दिल्ली: फिल्म 'उड़ता पंजाब' की रिलीज़ से पहले हर दिन हो रहा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब के NGO ने फिल्म 'उड़ता पंजाब' पर मुंबई हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रिम कोर्ट में चुनौती दी है। ह्यूमन राइट्स अवेयरनेस नामक NGO ने मुंबई हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रिम कोर्ट में चुनौती दी है। NGO ने कहा कि, 'हाईकोर्ट फिल्म में से काटे जाने वाले दृश्यों या संवादों पर फैसला नहीं कर सकता है। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि पंजाब में मौजूद ड्रग समस्या पर आधारित फिल्म में राज्य को गलत रूप में पेश किया गया है।'
मुंबई हाई कोर्ट ने दी थी रिलीज को मंजूरी
मुंबई हाई कोर्ट ने सोमवार को फिल्म की रिलीज को मंजूरी दे दी है। लेकिन फिल्म में एक आपत्तिजनक दृश्य हटाने और एक संशोधित डिस्क्लेमर देने को कहा। हाई कोर्ट ने कहा कि उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट में ऐसा कुछ नहीं पाया जो पंजाब को खराब तरीके से दिखाता हो या भारत की संप्रभुता या अखंडता को प्रभावित करता हो जिसका सेंसर बोर्ड ने दावा किया था।
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अदालत ने साथ ही कहा कि कानून के अनुसार CBFC के पास फिल्मों को सेंसर करने का अधिकार नहीं है क्योंकि सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में सेंसर शब्द शामिल नहीं है।
सेंसर बोर्ड (CBFC) ने इससे पहले शाहिद कपूर अभिनीत ‘उड़ता पंजाब’ में 89 जगह कांट छांट करने को कहा था। इसके बाद फिल्म के सह निर्माता अनुराग कश्यप ने सेंसर बोर्ड के फैसले के खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट का रूख किया था।