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जावेद अख्तर ने कहा, तीन तलाक की प्रथा तुरंद बंद होनी चाहिए

मशहूर शायर और पूर्व सांसद जावेद अख्तर ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि तीन तलाक की प्रथा तुरंत बंद होनी चाहिए और समान नागरिक संहिता के बारे में सरकार को ड्राफ्ट तैयार कर उसे लोगों के सामने लाकर बहस करानी चाहिए।

Bhasha
Published on: November 12, 2016 19:09 IST
Javed Akhtar- India TV Hindi
Javed Akhtar

नई दिल्ली: मशहूर शायर और पूर्व सांसद जावेद अख्तर ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि तीन तलाक की प्रथा तुरंत बंद होनी चाहिए और समान नागरिक संहिता के बारे में सरकार को ड्राफ्ट तैयार कर उसे लोगों के सामने लाकर बहस करानी चाहिए। 

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जावेद अख्तर ने कहा, ‘हम मुस्लिम समाज की बुराईयों को लेकर 20-25 साल से बोल रहे हैं। मेरा मानना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ मेरे समुदाय का सबसे बड़ा दुश्मन है। तीन तलाक को तुरंत बंद होना चाहिए। समान नागरिक संहिता पर सरकार ड्राफ्ट लोगों के सामने लाए और इस पर एक साल तक बहस कराए। किसी भी तरह का मतभेद होने पर भारतीय संविधान के अनुरूप फैसला हो। हम मुल्लाओं से लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे।’ 

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एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस मामले में राजनीतिक नेता ना ही बोलें तो बेहतर होगा।’ उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अभी तक इस्लाम खतरे में था और आज हिन्दू धर्म भी खतरे में आ गया है। मुझे लगता है कि वर्तमान दौर में फिल्म शोले का भगवान शंकर वाला दृश्य लिखूंगा तो हंगामा हो जाएगा, जिस पर उस वक्त तालियां मिली थी।’ उन्होंने कहा कि विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इस देश में बहुत ज्यादा है। इसे दबाने की कोशिश की जा रही है। हर चीज में सही और गलत होता है, लेकिन हमें सच के साथ होना चाहिए।

अख्तर ने कहा, ‘1947 के बाद से बहुत कुछ अच्छा हुआ है। हमारी जिंदगी में बहुत फर्क पड़ा है। पिछले तीन दशकों में प्रगति की ट्रेन में बहुत कुछ पीछे छूट गया है। साहित्य, कला, ललित कला को बहुत नुकसान हुआ है। भाषा के गिरने से आपकी जड़ों को नुकसान हुआ है और हमारी रोजमर्रा की कहावतें गायब हुई है।’ उन्होंने कहा कि संगीत ने आज गलत दिशा पकड़ ली है। आजकल आवाज और धुन अलग अलग होती है। हिन्दुस्तान और पश्चिम में संगीत का उपयोग अलग अलग है। उन्होंने कहा कि शायरी सर्वप्रिय होनी चाहिए। कविता की अपनी एक जबान होती है।

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