देश को आजाद हुए 75 हो गए हैं। हिंदी सिनेमा ने जहां देश की आजादी में अपना योगदान दिया वहीं आजादी का जश्न भी पूरे साल मनाया गया था। आइए याद करते हैं आजादी के उस दिन को जिस दिन देश तो आजाद हुआ ही, शुक्रवार होन की वजह से उस दिन रिलीज होने वाली ये दो हिंदी फिल्में भी आजादी के इतिहास में दर्ज हो गईं।
15 अगस्त 1947, आजाद भारत की सुबह बहुत ही खुशनुमा थी। देश की जनता आजादी की हवा में पहली बार खुलकर सांस ले रही थी और दिन था शुक्रवार। शुक्रवार यानी बॉलीवुड रिलीज का दिन। जी हां, तब भी शुक्रवार को ही अधिकतर फिल्में रिलीज हुआ करती थी। आजादी के दिन शुक्रवार को दो फिल्में रिलीज हुई। पहली थी 'शहनाई' और दूसरी थी 'मेरा गीत'।
मेरा गीत फिल्म के बारे में बॉलीवुड ऑरकाइव्स में ज्यादा जानकारी नहीं है, सिवाय इसके कि सुशील कुमार और जूनियर नसीम ने एक्टिंग की थी। ये फिल्म ज्यादा कामयाबी भी हासिल नहीं कर पाई।
लेकिन 15 अगस्त 1947 के दिन रिलीज हुई दूसरी फिल्म शहनाई ने वाकई खुशी की शहनाई बजा दी। इस फिल्म को काफी सफलता मिली थी। इस फिल्म को डायरेक्ट किया था मशहूर डायरेक्टर राज कुमार संतोषी के पिता प्यारेलाल संतोषी ने। प्यारेलाल संतोषी ने 1960 में मधुबाला और भारत भूषण को लेकर सुपरहिट फिल्म बरसात की एक रात भी बनाई थी।
फिल्म में किशोर कुमार (पॉपुलर एक्टर और सिंगर किशोर कुमार समझने की भूल न करें) इंदुमती, राधाकृष्णन, मुमताज अली (मशहूर कॉमेडियन महमूद के पिता), दुर्गा खोटे (शोले में बसंती की मौसी याद ही होंगी) और रेहाना नजर आए थे। फिल्म का म्यूजिक सी. रामचंद्रन ने दिया था।
फिल्म के कुछ गाने आज भी लोगो की जुबान पर हैं। पहला गाना 'आना मेरी जान, मेरी जान, संडे के संडे' और दूसरा गाना 'जवानी की रेल चली जाये रे..' काफी हिट हुए थे।
पूरे साल की बात करें तो उस साल आजादी वाले साल में यूं तो रिकॉर्ड 182 फिल्में रिलीज हुई थी लेकिन जुगनू, दो भाई और दर्द जैसी फिल्में सुपरहिट रही थी। जुगनू में दिलीप कुमार और नूर जहां की जोड़ी ने धमाल मचाया था और फिल्म दर्द में सुरैया की एक्टिंग और शानदार गाने देखने को मिले थे।