मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। इस फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार अनुपम खेर निभा रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस फिल्म पर प्रतिबंध की वकालत करते हुए कहा कि कम से कम फिल्म में से आपत्तिजनक दृश्य हटाये जाने चाहिए। कांग्रेस की प्रदेश ईकाई ने इसे भाजपा का ‘प्रोपेगंडा’ बताते हुए इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
मध्यप्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा इस संबंध में चल रही अफवाहों को शांत करने के लिए ट्विटर पर सूचना जारी की गई है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। विभाग ने कहा कि फिल्म पर प्रतिबंध की मीडिया में चल रही खबर ‘‘भ्रामक और गलत’’ है।
फिल्म में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के आरोप के साथ इस फिल्म पर विवाद पैदा हो गया है।
कुछ समाचार माध्यमों ने खबर दी है कि डॉ मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू की इसी शीर्षक की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर आधारित इस फिल्म को प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके बाद सरकार की ओर से इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए यह सूचना जारी की गई है।
मालूम हो कि इस फिल्म का ट्रेलर हाल ही में जारी हुआ है। इसमें अभिनेता अनुपम खेर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का किरदार अदा कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने पीटीआई से कहा,‘‘यह फिल्म मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिये भाजपा के ‘प्रोपेगंडा’ का हिस्सा है। इसलिये वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ भी स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा के रहने वाले कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जफर ने कहा कि इस फिल्म को प्रदेश में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। जफर ने ट्वीट में आरोप लगाया कि फिल्म के ट्रेलर में कुछ आपत्तिजनक दृश्य हैं और इन्हें फिल्म से निकाला जाना चाहिये या फिल्म को प्रदेश में प्रदर्शन की अनुमति नहीं देनी चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने भी फिल्म के दृश्यों को हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि फिल्म में तथ्यों का सही प्रस्तुतिकरण नहीं किया गया है। इस प्रकार के दृश्यों को फिल्म में से हटाया जाना चाहिये।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने फिल्म का पक्ष लेते हुए तर्क दिया कि फिल्म डॉ मनमोहन सिंह पर लिखी गई किताब पर आधारित है और इस किताब के लेखक डॉ सिंह के मीडिया सलाहकार रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को संप्रग सरकार की सच्चाई जानने का अधिकार है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के मामलों में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी की क्या दखलअंदाजी रहती थी। इसकी जानकारी देश को होनी चाहिये।
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