5 सितंबर, हर साल उन शिक्षकों के नाम रहता है जो बच्चों के जीवन को आकार देने का काम करते हैं। इसी वजह से हर साल इस दिन को 'टीचर्स डे' के तौर पर मनाया जाता है। शिक्षक बच्चों को ना केवल स्कूल में पढ़ाई का पाठ पढ़ाते हैं बल्कि वो बच्चों को उनके अंदर की छिपी प्रतिभा से रूबरू भी करवाते हैं। इस खास दिन पर आज हम आपको 5 ऐसी फिल्मों के बारे में बताएंगे जिसमें शिक्षकों और बच्चों के बीच की खास बॉन्डिंग को खूबसूरती से दर्शाया गया है।
फिल्म- परिचय, 1972
साल 1972 में आई ये फिल्म हर किसी को याद होगी। इस फिल्म में अभिनेता जितेंद्र ने एक ऐसे शिक्षक का किरदार निभाया है जो बच्चों को सही राह पर लाता है और उन्हें उनके दादा जी का सम्मान करना चाहिए इस बात की भी शिक्षा देता है। इस फिल्म में जितेंद्र के साथ जया बच्चन मुख्य किरदार में थीं।
फिल्म- इकबाल, 2005
कहते हैं ना अगर किसी में कुछ भी सीखने की चाहत हो तो वो अपना रास्ता खुद ही तलाश कर लेता है। इस लाइन को चरितार्थ करती फिल्म 'इकबाल' की कहानी है। इस फिल्म में इकबाल का किरदार श्रेयस तलपड़े ने निभाया था जबकि उसके मेंटर की भूमिका नसीरुद्दीन शाह ने निभाई थी। इस फिल्म में एक छोटे शहर के लड़के के संघर्ष की कहानी है। इसमें दिखाया गया है कि शिक्षक और स्टूडेंट अपने लक्ष्य को पाने के लिए किन-किन बाधाओं का सामना करते हैं।
फिल्म- तारे जमीन पर, 2007
शिक्षक अगर ठान लें तो वो किसी भी बच्चे की किस्मत को संवार सकता है। इसी लाइन को सकारात्मक रूप फिल्म 'तारे जमीन में' दिया गया है। इस फिल्म में आमिर खान ने आर्ट टीचर का किरदार निभाया है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक टीचर जब अपने कमजोर स्टूडेंट का हाथ थामता है तो वो उसका साथ कभी भी नहीं छोड़ता। साथ ही उसके अंदर की कला को निखारने का काम भी करता है। इस फिल्म में आमिर खान ने ईशान नाम के स्टूडेंट की परेशानी समझी और उसका हल निकालने की पूरी कोशिश की। इस फिल्म के आखिरी सीन में जब ईशान अपने टीचर के पास दौड़कर आता है और गले लग जाता है तो हर किसी की आंख नम हो जाती है।
फिल्म- चक दे इंडिया, 2007
'चक दे इंडिया' फिल्म में शाहरुख खान ने कोच की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में किंग खान महिला हॉकी टीम के कोच बने थे। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे कोच के रूप में टीचर बनकर किंग खान ने महिला हॉकी टीम के सदस्यों के बीच पड़ी दरार को खत्म कर टीम के बीच यूनिटी लेकर आए। इसके साथ ही टीम को इस तरह ट्रेनिंग दी कि महिलाओं की हॉकी टीम ने कप भी अपने नाम किया।
फिल्म- थ्री ईडियट्स, 2009
ये फिल्म जब रिलीज हुई तो हर कोई इसे अपने आप से जोड़कर देखने लगा। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे स्कूलों में एक्सीलेंस को लेकर दौड़ लगी हुई है। इस फिल्म में बोमन ईरानी ने शिक्षक का किरदार निभाया है। जबकि आमिर खान ने रैंचो नाम के स्टूडेंट का। फिल्म में रैंचो हमेशा कहते हुए दिखा है कि आप कुछ भी रटो मत। जो भी है आप समझो। अगर आप हर चीज को समझ कर पढ़ोगे तो सफलता आपको ही मिलेगी। इस बात को रैंचो फिल्म के आखिर में शिक्षक का किरदार निभाने वाले बोमन ईरानी को समझाने में कामयाब हो जाता है। ये सुपरहिट फिल्मों में से एक है।