हैदराबाद: शुक्रवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दक्षिण भारतीय अभिनेता महेश बाबू कि फिल्म 'भारत अने नेनु' का भी जिक्र किया गया है। इस चर्चा की शुरुआत करने वाले तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद गल्ला जयदेव ने लोकसभा में अपने साले महेश बाबू की फिल्म 'भारत अने नेनु' का जिक्र किया। उद्योगपति और नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के समक्ष बहस के दौरान इस बात पर जोर देने के लिए फिल्म का जिक्र किया कि "वादों को पूरा किया जाना चाहिए।" नवीनतम तेलुगू ब्लॉकबस्टर 'भारत अने नेनु' जिसका अर्थ है 'मैं भारत' एक युवा एनआरआई की कहानी है जो अपने मुख्यमंत्री पिता के अचानक निधन के बाद भारत लौटता है।
गुंटूर से सांसद ने कहा, "भारत राजनीति में अनिच्छा से प्रवेश करता है और एक युवा, जोश से भरपूर व सबका प्यारा मुख्यमंत्री बन जाता है।" सांसद ने कहा कि फिल्म का विषय विश्वास के बारे में है और भारत अपनी मां की सलाह को बार-बार याद करता है कि एक वादा, वादा होता है अगर कोई शख्स वादा करता है और उसे पूरा नहीं करता तो उसे खुद को इंसान कहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, "यह फिल्म एक ब्लॉकबस्टर रही क्योंकि लोगों की सामान्य मनोदशा की झलक इस फिल्म में अच्छी तरह से दर्शाई गई है। लोग खाली आश्वासन और अपूर्ण प्रतिबद्धताओं से तंग आ चुके हैं।"
जयदेव, जिनका परिवार अमारा राजा समूह का मालिक है। महेश बाबू के पिता व अनुभवी तेलुगू अभिनेता कृष्णा के दामाद हैं। सबसे अमीर सांसदों में से एक जयदेव ने 2014 के चुनावों के दौरान 683 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। उनके द्वारा महेश बाबू की फिल्म का जिक्र किए जाने से सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आने लगी। कुछ ने टिप्पणी की कि वह अपने साले की फिल्म का प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि अन्य ने टिप्पणी की है कि यह दिखाता है कि कैसे राजनीति और फिल्में गहराई से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, खासकर आंध्र प्रदेश में।