मुंबई: बॉलीवुड में पिछले कुछ वक्त से काफी बदलाव देखने को मिला है। इसमें से सबसे खास बदलाव अभिनेत्रियों को लेकर आया है। आज कल कई ऐसी फिल्में देखने को मिल रही हैं, जिसमें अभिनेत्रियां ही मुख्य कलाकर के रूप में नजर आती हैं। इसे लेकर अभिनेत्री और मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन का कहना है कि हिंदी फिल्मोद्योग में अभिनेत्रियों द्वारा निभाई जा रही भूमिकाओं में बदलाव शानदार है। उन्होंने कहा, "फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों के लिए शानदार समय है, क्योंकि 13 सालों में, मैंने पहली बार देखा है कि सभी का ध्यान पूरी तरह महिला केंद्रित विषय वाली फिल्म पर होता है।"
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दो बेटियों रीनी और अलीशाह की अकेली मां सुष्मिता ने कहा कि भारतीय दर्शक इस तरह फिल्मों से शिक्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे देश में फिल्में देखने का लोगों में शौक है। मुझे लगता है कि अच्छी पटकथा, अच्छे निर्माताओं और अलग तरह की फिल्मों से सीखने के इच्छुक दर्शकों के साथ इस तरह के अवसर बढ़ाए जाने चाहिए।"
'बीवी नंबर वन' और 'मैं हूं ना' जैसी फिल्मों का हिस्सा रहीं सुष्मिता 2010 की बॉलीवुड फिल्म 'नो प्रॉब्लम' और बंगाली फिल्म 'निरबाक' में नजर आ चुकी हैं। सुष्मिता ने फिल्मों के बारे में कहा कि जिस तरह की फिल्में उन्हें मिल रही थीं, उससे उन्होंने दूर रहना ही बेहतर समझा।
हाल ही में मनीला में उन्होंने मिस यूनिवर्स 2016 प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई और इसके अलावा उन्होंने डिजाइनर शशि वंगापल्ली के लिए लेक्मे फैशन वीक समर/रिसॉर्ट 2017 के रैंप पर जलवे बिखेरे।