नई दिल्ली: टेलीविजन निर्देशक कुशाल झवेरी ने 14 जून की सुबह सुशांत सिंह राजपूत के सहयोगी दीपेश सांवत से मिले संदेश का खुलासा किया है। झवेरी को यह संदेश उसी दिन मिला, जिस दिन सुशांत की मौत हुई थी। यह संदेश एक प्रोफेशनल डील के बारे में था। झवेरी का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं लगा कि दिवंगत अभिनेता अपने अंतिम दिनों में अवसाद में रहे हों।
सुशांत के दोस्त कुशाल झवेरी ने आईएएनएस से बातचीत में खुलासा किया कि दिवंगत अभिनेता ने अपनी टीम से भविष्य के व्यावसायिक करार के बारे में पूछताछ करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि उन्हें काम के बारे में 14 जून की सुबह सुशांत की टीम में शामिल दीपेश से संदेश मिला।
झवेरी ने कहा, मुझे 14 जून को सुबह दीपेश से एक संदेश मिला, जो उसके (सुशांत) साथ रह रहा था। वह इस डील के बारे में पूछ रहा था, क्योंकि मैं इसमें मध्यस्थ था। कुछ लोग अभी भी सोचते थे कि मैं सुशांत के साथ था। वे मुझे उनकी डील के बारे में बात करने के लिए कॉल करते रहते थे।
निर्देशक ने कहा कि सुशांत अवसाद में नहीं थे और वह नई पेशेवर प्रतिबद्धताओं के लिए उत्सुक थे। झवेरी ने कहा, वह बहुत सामान्य थे और वास्तव में इस वर्ष की योजना के बारे में सकारात्मक और उत्साहित दिख रहे थे।
उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए एक जून और दो जून को सुशांत के साथ व्हाट्सएप संदेशों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "नहीं, वह अवसाद में नहीं थे। हम उनके बहुत करीब थे। असल में मैं बांद्रा में रहता हूं। मैं बस आवाज लगाने भर की दूरी पर था और पांच मिनट में वहां पहुंच सकता था। वह मुझे, महेश शेट्टी और कुछ अन्य दोस्तों को वास्तव में अपने करीब मानते थे। कोई भी बात हो, हम हमेशा उनके साथ खड़े रहते। अगर वह किसी चीज से गुजर रहे थे, तो वह निश्चित रूप से इसके बारे में मुझसे दो जून को बताते।"
झवेरी ने कहा कि 14 जून की सुबह दीपेश के साथ उनकी बातचीत सुशांत के साथ हुई पूर्व बातचीत का ही परिणाम थी। झेवरी ने कहा, मैंने सुशांत से पूछा और उन्होंने कहा कि दीपेश मेरे साथ है और वह को-ऑर्डिनेट करेगा।
उन्होंने कहा, हमने इस बारे में नौ जून और फिर 13 जून को बात की। सुशांत ने दीपेश से डील के संबंध में मुझसे बात करने को कहा। दीपेश ने 14 जून की सुबह करीब 10 या 10: 50 बजे मुझे मैसेज किया। उसने कहा कि सर फ्लिपकार्ट डील के बारे में पूछ रहे हैं। लेकिन, मैं उस समय सो रहा था क्योंकि उस दिन रविवार था।
झवेरी, सुशांत की मौत की भयानक खबर से जाग गए। उन्होंने कहा, मैं वास्तव में उलझन में था, क्योंकि मैंने यह संदेश भी देखा था और अगर दीपेश पूछ रहा है तो इसका मतलब है कि सुशांत पूछ रहा है। तो, मैंने सोचा कि उसने सुबह यह पूछा। तो, यह बहुत अजीब था और यह बहुत भ्रामक था, वास्तव में। इस बात को उस तथ्य के साथ नहीं मिला सका कि वह ऐसा कुछ भी कर सकता है।
तभी कुशल झवेरी ने पता लगाने के लिए सुशांत के घर जाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, मैं अंदर नहीं गया, लेकिन मैं उनकी बिल्डिंग में गया और मैंने बहुत सारे पत्रकारों और अन्य चीजों को देखा। फिर मुझे अपने स्रोतों के माध्यम से इस खबर की पुष्टि हुई और कमरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर घूमने लगीं।
झवेरी ने कहा कि दीपेश जनवरी 2020 से लेकर सुशांत की मृत्यु होने तक उनके साथ उनके फ्लैट में ही रह रहा था। उन्होंने बताया, मैं जुलाई 2018 में सुशांत के साथ रह रहा था। मैं उसके साथ आठ महीने तक रहा। उसने मुझसे एक टीम बनाने के लिए कहा। मैंने उसके लिए यह टीम बनाई, जिसमें दीपेश भी शामिल था, जो उस समय इंटर्न था। फिर हम सभी विभिन्न कारणों से चले गए। फिर सुशांत ने जनवरी 2020 में दीपेश को फिर से अपने साथ रहने के लिए बुलाया। इसलिए दीपेश जनवरी से लेकर आखिरी दिन तक उसके साथ था।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)