दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि आगामी फिल्म ‘न्याय : द जस्टिस' में (दिवंगत) अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कैरिकेचर, नाम या समानता को चित्रित नहीं किया गया है क्योंकि यह उन पर बनने वाली बायोपिक नहीं है। इस फिल्म के बारे में कहा जा रहा है कि यह कथित रूप से राजपूत के जीवन पर आधारित है। फिल्म के निर्माताओं और निर्देशक ने राजपूत के पिता की ओर से दायर याचिका के विरोध में अदालत को यह बताया ।
याचिका में अभिनेता के पिता ने किसी को भी फिल्म में उनके बेटे का नाम अथवा इससे मिलते जुलते नाम के इस्तेमाल को रोकने का आग्रह किया गया है। यह फिल्म 11 जून को प्रदर्शित होनी है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
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न्यायाधीश ने निर्माताओं एवं निर्देशक से कहा कि अदालत का फैसला आने तक इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया जाये। उन्होंने कहा कि इस बात की अधिक संभावना है कि 11 जून से पहले अदालत अपना फैसला सुनायेगी । लेकिन, अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो सिनेमा को रिलीज करने का कार्यक्रम वापस ले लिया जायेगा ।
फिल्म के निर्देशक की ओर से पेश हुये वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि फिल्म की रिलीज का व्यापक प्रचार किया गया है और इसलिए वह इसे वापस लेने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दे पाएंगे। लाल की दलीलों के मद्देनजर अदालत ने कहा कि अगर वह 11 जून से पहले फैसला नहीं सुना पाती है तो वह उस तारीख से पहले ही इस मामले को लेगी और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित करेगी।