34 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने अपने बांद्रा वाले अपार्टमेंट में खुदकुशी कर ली थी। इस घटना को पूरे एक साल हो गए हैं। इस मामले ने पूरे देश के साथ-साथ देश के राजनीतिक दलों और जांच एजेंसियों को हिला कर रख दिया था। अभिनेता की खुदकुशी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जैसी जांच तीन राष्ट्रीय एजेंसियों ने नेतृत्व किया, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर किसी भी एजेंसी ने कोई पुख्ता रिपोर्ट नहीं दी है।
मुंबई पुलिस ने आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की और कहा कि अभिनेता की मौत आत्महत्या से हुई थी। उनकी मौत के बाद मुंबई पुलिस के तत्कालीन प्रवक्ता और पुलिस उपायुक्त प्रणय अशोक ने कहा था, ''उनकी मौत आत्महत्या से हुई। मुंबई पुलिस जांच कर रही है। पुलिस को अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।"
लेकिन 14 दिन बाद 28 जुलाई, 2020 को, अभिनेता के पिता ने पटना में एक एफआईआर दर्ज की, जिसमें अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों सहित छह लोगों पर राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया। अभिनेता के पिता ने अपनी शिकायत में यह भी दावा किया कि उनके बेटे के खाते से कुछ बैंक खातों में 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जिनसे उनका (सुशांत) संबंध था।
बिहार में दर्ज एफआईआर के मद्देनजर ईडी ने 31 जुलाई, 2020 को मामला दर्ज किया और कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। इस बीच, बिहार पुलिस की एक टीम मामले की जांच के लिए मुंबई पहुंची और मामले में मुंबई पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला। मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया क्योंकि उन्हें लगा कि बिहार में एफआईआर दर्ज करना नियमों के खिलाफ है, जिसकी जांच वह (मुंबई पुलिस) कर रही है।
इससे राजनीतिक आक्रोश फैल गया, जिसके बाद बिहार सरकार ने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग तेज कर दी। 6 अगस्त, 2020 को सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की।
सीबीआई अधिकारियों की एक टीम ने मुंबई में डेरा डाला, कई लोगों के बयान लिए, अभिनेता के घर गए और सीन्स को फिर से रिक्रिएट किया, और यहां तक कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को फोरेंसिक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा।
इस बीच, मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे ईडी ने अपनी जांच के दौरान बरामद मोबाइल फोन डेटा में ड्रग्स का उल्लेख पाया।
ईडी के एक पत्र के आधार पर, एनसीबी को जांच में शामिल किया गया था। 10 महीने की जांच के बाद, एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने बताया, "हमने अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, 7 किलो ड्रग्स, 35 लाख रुपये और कुछ विदेशी मुद्रा जब्त की है। सुशांत सिंह हत्याकांड की जांच अभी जारी है।"
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग मामले में उसकी भूमिका की जांच करने के लिए एनसीबी ने ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया।
उधर सीबीआई अधिकारियों ने यह भी कहा कि मामले की जांच जारी है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "हम सभी संभावित कोणों से जांच कर रहे हैं।"
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा, "मैं जांच एजेंसियों को दोष नहीं देता कि अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई क्योंकि सुशांत की मौत में बहुत रहस्य शामिल है। यह सब बंद कमरे में हुआ है। परिवार सब्र कर रहा है और न्याय मिलने का इंतजार कर रहा है।"
इन सबके बावजूद अभिनेता के यूं जाने से एक परिवार ने अपने घर का चिराग, बहनों ने अपना भाई, पिता ने अपना बेटा और लाखो फैंस ने अपना हीरो खो दिया है, जिसकी भरपाई कभी पूरी नहीं की जा सकती।