बिहार के लिए रवाना होने से ठीक पहले पटना (सेंट्रल) एसपी विनय तिवारी ने शुक्रवार को आरोप लगाते हुए कहा कि, "क्वारंटीन मुझे नहीं किया गया बल्कि सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच को किया गया है।" बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को 6 दिनों तक होम क्वारंटीन करने के बाद मुक्त कर दिया और कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार, शनिवार (8 अगस्त) के पहले मुंबई छोड़ने का निर्देश दिया।
मुंबई से रवाना होने से पहले तिवारी ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत की।
तिवारी ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार ने मुझे आइसोलेट नहीं किया बल्कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच को क्वारंटीन किया।"
तिवारी ने कहा कि उन्हें किसी भी बीएमसी अधिकारी ने व्यक्तिगत रूप से सूचित नहीं किया कि वह क्वारंटीन से मुक्त होकर जा सकते हैं। उन्होंने कहा, "बीएमसी ने मुझे केवल एक संदेश भेजा है और मैं उसी के अनुसार पटना के लिए रवाना हो रहा हूं।"
गुरुवार देर रात के आदेश में, बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त पी. वेलरासु ने तिवारी को होम क्वारंटाइन से राहत देने की अनुमति दी।
गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने गुरुवार को बीएमसी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि तिवारी को अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने के लिए अपने गृह राज्य में वापसी के लिए होम क्वारंटाइन से छोड़ा जाना चाहिए।
बिहार पुलिस ने यह भी बताया कि मुंबई में अब उनकी आवश्यकता नहीं है और उनकी वापसी की अवधि 7 दिनों के भीतर थी।
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच के लिए 2015 बैच के एक आईपीएस अधिकारी तिवारी 2 अगस्त को पटना से यहां पहुंचे थे।
हालांकि कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार, उन्हें गोरेगांव में एसआरपीएफ गेस्ट हाउस में होम क्वारंटीन कर लिया गया था।
(इनपुट-आईएएनएस)
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