खुद को सुशांत सिंह राजपूत का करीबी दोस्त बताने वाले संदीप सिंह ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे दोस्ती का सर्टिफिकेट देना पड़ेगा। मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था। मैंने बहुत स्ट्रगल किया है, लेकिन इससे बुरा दिन कभी नहीं देखा। संदीप ने अपनी थम्सअप वाली तस्वीर पर भी चुप्पी तोड़ी है।
संदीप सिंह ने कहा, "सुशांत ने अपने करियर के पीक पर आकर पवित्र रिश्ता सीरियल छोड़ दिया था। मैंने 2011 में उन्हें प्रोडक्शन हाउस बुलाया और सरस्वतीचंद्र सीरियल ऑफर किया।"
क्या सुशांत का परिवार पहले से जानता था?
सुशांत के परिवार को लेकर संदीप ने कहा, "सुशांत एक टीवी एक्टर थे। फिर उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया था। मैं बहुत एक्टर्स को जानता हूं। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी के घरवालों के बारे में भी जानता हूं। उनका परिवार सही कह रहा है कि वो मुझे नहीं जानते, क्योंकि इससे पहले मेरी कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। सिर्फ 14 जून को ही मेरी सभी से मुलाकात हुई, लेकिन वो ऐसा वक्त नहीं था कि मैं अपना परिचय देता।"
थम्सअप दिखाने वाली बात पर संदीप सिंह ने कहा, "जब मुझे सुशांत के बारे में पता चला तो मैंने महेश शेट्टी को फोन किया। हम दोनों तुरंत उसके घर पहुंचे। वहां इंडस्ट्री का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। सुशांत का कोई दोस्त नहीं था। मुझे वहां उनकी बहन अकेली दिखी। इसलिए मैंने उनकी मदद की। क्या मुझे ये ध्यान रखना चाहिए था कि मुझे थम्सअप नहीं देना है? मेरी इमेज तो नहीं खराब होगी? मेरा बॉडी लैंग्वेज कैसा होना चाहिए था? अगर मैंने सुशांत के घरवालों की मदद की तो इसमें क्या गलत किया?"
14 जून को क्या-क्या हुआ?
14 जून 2020 वाले दिन के बारे में संदीप ने कहा, "पुलिस वाले ने मुझसे पूछा कि आप लोग कौन हैं। हमने बताया कि हम सुशांत के दोस्त हैं तो उन्होंने आगे की जानकारी देने के लिए हमारा नंबर लिया। फिर पुलिसवाले ने मुझे फोन किया और कहा कि हम सुशांत की डेडबॉडी को कूपर अस्पताल लाए हैं। यहां परिवार के किसी एक सदस्य को यहां आना पड़ेगा। सुशांत का आईडी प्रूफ चाहिए। जब वहां पहुंचने पर एक पुलिसवाले ने पूछा कि संदीप सिंह कौन है तो मैंने उन्हें थम्सअप दिखाया। मैं वहां चिल्ला नहीं सकता था।"
संदीप ने कहा कि "मेरे घरवालों के बारे में किसी ने सोचा है? किसने कहा कि मैं आरोपी हूं? तो फिर मुझपर सवाल क्यों उठाया जा रहा है। मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा। बिना सोचे समझे मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए।"
'सुशांत को आखिरी विदाई देने कोई नहीं पहुंचा'
सुशांत की मौत की खबर सुनने के बाद कोई भी उनके घर नहीं पहुंचा? इस सवाल के जवाब में संदीप ने कहा, "इस बात से मैं खुद हैरान हूं। बाकी के लोगों ने सोचा, लेकिन मैंने कुछ नहीं सोचा और तुरंत वहां पहुंच गया। मैं 15 तारीख को फैमिली से मिला। सभी ने बैठकर डिसाइड किया कि कितने बजे फ्यूनरल करना है, क्योंकि सुशांत के पिता तब तक मुंबई पहुंचे नहीं थे। पुलिसवालों के बोलने के बाद हम कूपर हॉस्पिटल पहुंचे और फिर वहां से शमशान घाट पहुंचे।"
एंबुलेंस वाले से इस वजह से हुई थी बात
एंबुलेंस वाले से 2 दिन फोन पर बात करने के सवाल पर संदीप सिंह ने कहा, "एंबुलेंस को पुलिसवालों ने बुलाया था। कूपर अस्पताल में पुलिसवालों ने शायद मेरा नंबर दिया होगा। इसके बाद उसने पेमेंट के लिए मुझे फोन किया। उस स्थिति में मैं घरवालों को एंबुलेंस का पैसा भरने के लिए नहीं कह सकता था। इसलिए जो मेरे प्रोड्क्शन में काम करते हैं, मैंने उनको बोलकर पेमेंट कराया। बाकी के कामों में उलझे हुए थे, इसलिए दो दिन का समय लग गया। वो पेमेंट के लिए फोन कर रहा था।"
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