नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के फॉरेंसिक विभाग ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एम्स ने ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत का समय दर्ज न होने पर सवाल उठाया है, साथ ही कूपर हॉस्पिटल में हल्की रोशनी वाले पोस्टमार्टम रूम की ओर भी इशारा किया गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्र के मुताबिक, अभिनेता की मौत किसी जहरीली चीज के सेवन से हुई- इस एंगल को भी खारिज कर दिया गया है।
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एम्स के एक सूत्र ने बताया कि डॉ. सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता वाली फोरेंसिक बोर्ड ने अपनी निर्णायक रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है। सूत्र ने कहा कि एजेंसी के सामने पेश की गई इस निर्णायक रिपोर्ट में डॉक्टरों ने कूपर अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम में हल्की रोशनी की ओर भी इशारा किया है। 14 जून की रात को कूपर हॉस्पिटल के तीन डॉक्टरों ने मिलकर सुशांत का पोस्टमार्टम किया था।
इस सूत्र ने आगे बताया कि चिकित्सकों ने जहां अभिनेता के पेट में पाए गए एक तत्व को लेकर हुई अनिश्चितता के बारे में चिंता व्यक्त की है, वहीं रिपोर्ट में मौत का समय दर्ज न होने को लेकर भी सवाल उठाया है। हालांकि जहर से अभिनेता की मौत होने के एंगल को डॉक्टरों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया।
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पेट में पाई गई चीजों पर चिकित्सकों ने इसलिए गौर फरमाया ताकि उन्हें पता लग सके कि सुशांत ने 13-14 जून की रात को खाने में क्या लिया था और सुबह उन्होंने नाश्ते में क्या खाया था।
इधर सीबीआई ने इस रिपोर्ट पर अब भी चुप्पी साध रखी है। इस बीच, डॉ. सुधीर गुप्ता ने एक बयान में कहा कि एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सीबीआई को इस मामले में बेहद स्पष्ट और अंतिम मेडिको-लीगल राय सौंपी है। सीबीआई को दी गई इस रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं बताया जा सकता और किसी के साथ साझा नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामला 'विचाराधीन' है।
इनपुट- आईएएनएस