नई दिल्ली: लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म नानक शाह फकीर की रिलीज से इनकार कर दिया है। यह फिल्म सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव के जीवन पर आधारित है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि संविधान फिल्म निर्माताओं को धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों से टकराए बिना फिल्म बनाने की सुरक्षा देता है।
शीर्ष अदालत ने बीते सप्ताह राज्यों को फिल्म की निर्बाध रिलीज सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। इस आदेश में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "जब तक फिल्म सिख धर्म को नीचा नहीं दिखाती और इसका मकसद सिर्फ गुरु नानक देव की महिमा बताना है, (तब तक) हम (रिलीज के आदेश में) हस्तक्षेप नहीं करेंगे।"
अदालत का यह आदेश शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की एक याचिका पर आया है, जिसमें दलील दी गई किसी भी व्यक्ति द्वारा सिख गुरुओं, उनके तत्कालीन परिवार के सदस्यों व पंच प्यारे का कोई चित्रण नहीं किया जा सकता।
सिख संस्था की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील पी.एस.पटवालिया ने 2003 के एसजीपीसी के प्रस्ताव का जिक्र किया और दोहराया कि किसी भी जीवित व्यक्ति द्वारा सिख गुरुओं का चित्रण नहीं किया जा सकता है।