नई दिल्ली: आज चैंपियंस ट्रॉफी के फिनाले में भारत और पाकिस्तान के बीच महामुकाबला होगा। हर किसी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मुकाबला कौन जीतेगा? दोनों ही मुल्कों के लोग अपने देश की जीत के लिए दुआ-प्रार्थना कर रहे हैं। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच एक मुकाबला साल 2001 में भी हुआ था। बस ये टक्कर जरा फिल्मी थी। जी हां, साल 2001 में सनी देओल और अमीषा पटेल की गदर रिलीज हुई थी। फिल्म ने उस वक्त जो जादू चलाया था वो आज भी बरकरार है। आज भी लोग सनी देओल के हैंडपंप उखाड़ने वाले सीन और दमदार डायलॉग्स पर तालियां बजाते हैं।'गदर: एक प्रेम कथा' की रिलीज को 16 साल पूरे,'बाहुबली 2' से भी ज्यादा कमाई की थी फिल्म ने15 जून 2001 को रिलीज हुई गदर एक प्रेम कथा की रिलीज को 16 साल हो गए हैं। लेकिन फिल्म में बोले गए सनी देओल के डायलॉग आज भी सुपरहिट हैं। आज भी जब कोई सनी देओल की नकल करता है तो गदर का डायलॉग जरूर बोलता है। सिर्फ गदर ही नहीं बहुत सारी ऐसी फिल्मे है जिसमें सनी देओल के बोले डायलॉग सुपरहिट हैं। आइए कुछ ऐसे ही डायलॉग पढ़ते हैं।अशरफ अली! आपका पाकिस्तान ज़िंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान ज़िंदाबाद है, ज़िंदाबाद था और ज़िंदाबाद रहेगा! बस बहुत हो गया। (गदर: एक प्रेम कथा)ये ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है ना... तो आदमी उठता नहीं... उठ जाता है। (गोविंद, दामिनी)उतारकर फेंक दो ये वर्दी और पहन लो बलवंतराय का पट्टा अपने गले में। (अजय मेहरा, घायल)आगे भी पढ़ेंये मज़दूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है! ये ताकत ख़ून-पसीने से कमाई हुई रोटी की है। मुझे किसी के टुकड़ों पर पलने की जरूरत नहीं। (काशी, घातक)पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है कात्या। तू चाहता है मैं तेरे यहां कुत्ता बनकर रहूं। तू कहे तो काटूं, तू कहे तो भौंकू। (काशी, घातक)बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए, इसी में सबकी भलाई है, वरना अगर आज ये जट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा। (तारा सिंह, गदर एक प्रेम कथा)तारीख़ पर तारीख़, तारीख़ पर तारीख़, तारीख़ पर तारीख़ मिलती रही है मीलॉर्ड लेकिन इंसान नहीं मिला मीलॉर्ड, इंसाफ नहीं मिला। मिली है तो सिर्फ ये तारीख़। (गोविंद, दामिनी)बहुत पछताओगे इंस्पेक्टर, अगर मुझे जिंदा छोड़ दिया तो... (अजय मेहरा, घायल)इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं, चलाना नहीं भूले। अगर इस चौखट पर बारात आई तो डोली की जगह उनकी अर्थियां उठेंगी और सबसे पहले अर्थी उसकी उठेगी जिसके सर पर सेहरा होगा। लाशें बिछा दूंगा, लाशें! (करण, जीत)ये गीदड़भभकियां किसी और को देना बलवंतराय। अगर मेरे भाई को कुछ हुआ तो मैं तेरा वो हश्र करूंगा कि तुझे अपने पैदा होने पर अफसोस होगा। और तेरे ये पालतू कुत्ते जिन्हें देखकर तूने भौंकना शुरू किया है, ये उस वक्त तेरे आस पास भी नजर नहीं आएंगे। (अजय मेहरा, घायल)अगर मैं अपने बीवी-बच्चों के लिए अपना सिर झुका सकता हूं, तो ये सिर काट भी सकता हूं। (तारा सिंह, गदर एक प्रेम कथा)