बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए, इसी में सबकी भलाई है, वरना अगर आज ये जट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा। (तारा सिंह, गदर एक प्रेम कथा)
बाप बनकर बेटी को विदा कर दीजिए, इसी में सबकी भलाई है, वरना अगर आज ये जट बिगड़ गया तो सैकड़ों को ले मरेगा। (तारा सिंह, गदर एक प्रेम कथा)