वर्ष 1998 का राजीव गान्धी राष्ट्रीय सद्भावना सम्मान के हक़दार भी सुनील दत्त ही बने।
वर्ष 2005 में दादा साहब फाल्के अकादमी का फाल्के अवार्ड और आईआईएफएस (IIFS) लन्दन का भारत गौरव सम्मान भी सुनील दत्त को दिया गया।
1981 में कैंसर से हुई उनकी पत्नी नरगिस दत्त की मृत्यु के बाद सुनील दत्त ने "नरगिस दत्त मैमोरियल कैंसर फाउण्डेशन" की स्थापना की।
बतौर डायरेक्टर सुनील दत्त नें यह आग कब बुझेगी, दर्द का रिश्ता, रॉकी, डाकू और जवान, रेशमा और शेरा, गौरी और यादें जैसी फिल्मों को डायरेक्ट किया। दूसरी तरफ यह आग कब बुझेगी, दर्द का रिश्ता, रेशमा और शेरा, ये रास्ते हैं प्यार के फिल्मों को प्रोड्यूस किया।