मंगलुरु: बाहुबली सीरीज और मगधीरा जैसी बेहतरीन फिल्मों से दुनियाभर में अपनी पहचान बनाने वाले फिल्मकार राजामौली का कहना है कि उन्हें लगता है कि वह निर्देशक के मुकाबले ज्यादा बेहतर कथाकार हैं। उन्होंने कहा, मैं एक उम्दा कथाकार हूं। मैं अपने कलाकारों को सबसे बेहतर तरीके से पात्रों का विवरण देता हूं और वह इसमें दिलचस्पी लेने लगते हैं। मैं उनसे यह भी पूछता हूं कि किसी खास स्थिति में पात्र क्या प्रतिक्रिया देगा।
मणिपाल में कल मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एमआईटी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित व्याख्यान श्रृंखला के एक हिस्से में छात्रों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाएं उनके खून में है। उन्होंने कहा कि वह बाल रामायण और तेलुगु भाषा में उपलब्ध राजाओं पर लिखी किताबें और अमर चित्र कथा की कॉमिक्स पढ़कर बड़े हुए हैं।
निर्देशक ने कहा कि महाभारत में उनका सबसे पसंदीदा पात्र कर्ण था। उन्होंने कहा कि, उनकी कहानी को पढ़ते हुए मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे और आंखों में आंसु आ जाते थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक फिल्म में छायांकन से ज्यादा जरूरी कहानी और पटकथा होती है। एक फिल्म में कहानी का महत्व 80 फीसदी और छायांकन का महत्व 20 फीसदी निकल कर आता है।
राजमौली ने कहा कि अपने अनुभव से अब वह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी खास पात्र की भूमिका कौन सा कलाकार निभाएगा। इससे पहले, वह कहानी लिखने के बाद कलाकारों का चयन करते थे।