नई दिल्ली: बॉलीवुड की ‘चांदनी’ श्रीदेवी अब इस दुनिया में नहीं हैं। आज उनका पार्थिव शरीर मुंबई लाया जाएगा। लेकिन ये राज़ हर कोई जानना चाहता है कि आख़िर बॉलीबुड के बेहद क़ामयाब प्रोड्यूसर बोनी कपूर से श्रीदेवी की पहली मुलाक़ात कब हुई? कहां हुई? कैसे दोनों की दोस्ती आगे चलकर जीवन के एक डोर में बंध गई? और दोनों ज़िंदगीभर के लिए एक दूजे के हो गए? खूबसूरत दिखने वाली श्रीदेवी सिर्फ पर्दे पर ही खूबसूरत नहीं थीं, बल्कि सामने से देखने के बाद पहली नज़र में ही प्रोड्यूसर बोनी कपूर उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। ‘चांदनी’ जो वक्त से पहले ही ढल गईं, लेकिन अपनी 54 साल की छोटी सी ज़िंदगी में ही उन्होंने सिनेमाई पर्दे पर गहरी छाप छोड़ी। कभी ना भूलने वाली उनकी हरेक फिल्मों का वो पल उनके फैंस के दिलों दिमाग में ताउम्र ज़िंदा रहेगी। लेकिन करोड़ों लोगों के दिलों पर राज़ करने वाली इस अदाकारा का दीवाना 70 से 80 के दशक में ही कोई और हो गया था, वो थे उनकी फिल्म के प्रोड्यूसर और आगे चलकर उनके हमसफ़र बनने वाले उनके पति बोनी कपूर। प्रोड्यूसर बोनी कपूर के श्रीदेवी से मिलने की कहानी भी बहुत दिलचस्प है।
70 के दशक में तमिल फिल्मों के पर्दे पर अदाकारा श्रीदेवी की अदायगी से बोनी इतने प्रभावित हुए थे कि ही उन्होंने श्रीदेवी को अपनी फिल्म में साइन करने का फैसला कर लिया। यहां तक तो बात ठीक थी, लेकिन साउथ की इस सुपरस्टार से बोनी कपूर को मिलने की बेकरारी इतनी बढ़ गई थी कि वो फिल्म साइन करने के लिए उसी वक्त उनसे मिलने चेन्नई चले गए। लेकिन अफसोस कि उस वक्त श्रीदेवी चेन्नई में नहीं थीं। बताया जाता है कि वो उस वक्त किसी काम को लेकर सिंगापुर गई थीं। दरअसल बोनी, श्रीदेवी से फिल्मों की बात करने के साथ साथ उन्हें अपने दिलों की बात भी बताना चाहते थे, लेकिन मुलाकात नहीं होने पर वो उदास मन से मुंबई वापस लौट आए। बाद में श्रीदेवी की अगली फिल्म ‘सोलवां सावन’ आई। उसे देखने के बाद तो प्रोड्यूसर बोनी कपूर का दिल श्रीदेवी के लिए लट्टू हो चुका था। उनकी बस एक ही ख़्वाहिश बनकर रह गई थी कि किसी भी तरह पहले इस हिरोइन को अपनी फिल्म में साइन करना है, बाद में इसे अपने दिल की बात बतानी है। एक तरफ बेचारे बोनी कपूर का दिल मान नहीं रहा था, जबकि 80 के दशक में श्रीदेवी क़ामयाबी के उस मुक़ाम पर थीं, जो बोनी कपूर जैसे प्रोड्यूसर को भाव तक नहीं देतीं।
एक बार दोनों के बीच ऐसा ही वाक्या हुआ, जब फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ बनाने का आइडिया लेकर जावेद अख्तर और बोनी कपूर श्रीदेवी को फ़िल्म ऑफ़र करने चेन्नई गए थे, लेकिन उस वक्त श्री देवी फिल्मों में इतनी मशरूफ थीं कि उन्होंने दोनों को मिलने का वक्त तक नहीं दिया। बाद में फ़ोन पर श्रीदेवी की माँ ने दोनों को इंतज़ार करने को कहा और बताया कि उनकी बेटी श्रीदेवी अभी व्यस्त है। तक़रीबन 3-4 दिनों तक दोनों इंतज़ार करते रहे। लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं आया। इस दौरान जावेद साहब को अफ़सोस भी हो रहा था कि कोई बात नहीं बन रही है। जबकि बोनी कपूर भी गहरी चिंता में डूब चुके थे, क्योंकि बोनी के करियर की ये बहुत बड़ी फ़िल्म थी। लेकिन श्रीदेवी तो बोनी कपूर के दिल में घर कर चुकी थीं। इसलिए बोनी हर रोज़ श्रीदेवी के बंगले के चक्कर काटते, फिर 10 दिनों बाद श्रीदेवी ने बोनी कपूर को मिलने का वक्त दिया और जावेद अख्तर और बोनी कपूर से उनकी फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी। श्रीदेवी को फिल्म की स्क्रिप्ट इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने तुरंत ही फिल्म के लिए हामी भर दी।
लेकिन फिर भी बोनी कपूर के लिए राह इतनी आसान नहीं थी, क्योंकि उस दौर में श्रीदेवी के मशहूर होने के बाद भी उनका हर फैसला उनकी मां लेती थीं और मां ने बोनी के सामने अपनी बेटी का फिल्मों में काम करने के लिए बहुत भारी भरकम फीस सामने रख दीं। उन्होंने फिल्म में अपनी बेटी की एक्टिंग के लिए 10 लाख रुपये मांगे, लेकिन बोनी को तो सिनेमाई पर्दे से ही श्रीदेवी काफी भा गई थीं। इसलिए उन्होंने श्रीदेवी की मां के सामने 11 लाख रुपये देने का ऑफर रख दिया, बस फिर क्या था। उनकी मां से बोनी की अच्छी दोस्ती हो गई। फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ की शूटिंग के दौरान जब श्रीदेवी सेट पर पहंचतीं तो बोनी पहले से उनके लिए हर चीज़ तैयार रखते। बेहतरीन मेकअप रूम और बेहतरीन कपड़ों से लेकर सबकुछ। दरअसल बोनी कहते थे कि मुझे उनसे प्यार हो गया है। उन्होंने श्रीदेवी के सामने ऐसा दिखाने की कोशिश की। जैसे वो हर कदम पर श्रीदेवी के साथ हैं। धीरे धीरे श्रीदेवी को ये समझ में आने लगा था कि बोनी कपूर उनसे प्यार करने लगे हैं। लेकिन प्यार अभी पूरी तरह परवान नहीं चढ़ा था।
फिर 90 का दशक आया और प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने साल 1993 में अभिनेत्री श्रीदेवी को ऑफिशियली प्रपोज़ कर दिया। दरअसल बोनी पहले से शादीशुदा थे, इसलिए उन्होंने श्रीदेवी से प्यार वाली बात अपनी पत्नी मोना को बताई, कि वो श्रीदेवी से बहुत प्यार करते हैं। इस बात से बोनी की पहली पत्नी बहुत टूट गईं। मोना ने एक इंटरव्यू में बताया कि, “उम्र में बोनी मुझसे 10 साल बड़े थे। जब मेरी बोनी कपूर से शादी हुई। तब मैं सिर्फ 19 साल की थी। मैं उन्हीं के साथ रहकर बड़ी हुई हूं। हम दोनों की शादी को 13 साल हुए थे। तब मुझे पता चला कि मेरा पति किसी और से प्यार करता है। बाद में हमारे रिश्ते में कुछ नहीं बचा और हम इस रिश्ते को एक और मौका नहीं दे सकते थे।“ धीरे धीरे दोनों के बीच दूरियां बढ़ती गईं और बोनी कपूर ने अपनी पहली पत्नी मोना को तलाक दे दिया। फिर 2 जून 1996 को उन्होंने श्रीदेवी के साथ शादी कर ली। इस वक्त तक मोना अकेली पड़ चुकी थीं। जबकि दोनों से दो बच्चे हुए थे अर्जुन कपूर और बेटी अंशुला कपूर। बेटा अर्जून कपूर इस वक्त बॉलीवुड के एक स्टार एक्टर हैं। बोनी कपूर ने 1983 में मोना से शादी की थी। शादी के तीन साल बाद 1985 में अर्जुन कपूर का जन्म हुआ था, लेकिन पति का साथ छूटने के बाद आगे चलकर अर्जुन कपूर की मां यानि मोना कपूर को कैंसर हो गया और 25 मार्च 2012 को उनकी मौत हो गई। जबकि बेटे अर्जुन कपूर की डेब्यू फिल्म 'इश्कजादे' उस वक्त रिलीज़ होने ही वाली थी। फिल्म 'इश्कजादे' 11 मई 2012 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। तब तक बोनी अपनी नई ज़िंदगी में पूरी तरह ढल चुके थे और दूसरी पत्नी श्रीदेवी से शादी के बाद उन्होंने दो बच्चों को जन्म दिया। जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर, श्रीदेवी की दोनों बेटियां बड़ी हो चुकी हैं। उनकी बड़ी बेटी जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म 'धड़क' तो रिलीज होने की कगार पर है।