Happy Birthday Sridevi: रूप की रानी, अपनी चुलबुली अदाओं से लोगों के दिलों पर राज़ करने वाली श्रीदेवी(Sridevi) का आज 56वां जन्मदिन हैं। सिल्वर स्क्रीन पर श्रीदेवी ऐसी चांदनी बनकर उतरी, जिसके नूर में पूरा जमाना रोशन हो गया। अपनी अदाओं से हर किसी पर बिजली गिराने वाली इस बेहतरीन अदाकारा के बारे में किसी ने ये नहीं सोचा था कि वो इतनी जल्दी दुनिया को अलविदा कह देगी। 24 फरवरी 2018 की वो काली रात जिसने हिंदी सिनेमा की एक बेहतरीन अदाकारा को हमारे बीच से छीन लिया। श्रीदेवी की मौत की खबर ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया था। 50 साल के अपने फिल्मी करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दी जो हिंदी सिनेमा के लिए किसी नायाब नगीने से कम नहीं है। श्रीदेवी अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन परदे पर निभाए उनके किरदारों का उनके चाहने वालों के जेहन से जुदा होना नामुमकिन है।
श्रीदेवी 24 फरवरी 2018 के दिन दुबई में एक शादी समारोह में शामिल होने गई थी। लेकिन किसी को पता नहीं था कि वो वहां से वापस अपने वतन सिर्फ एक मिट्टी के शरीर के रूप में आएंगी। शादी के बाद बोनी कपूर और खुशी मुंबई लौट आए थे लेकिन श्रीदेवी एक होटल में वहीं रुक गई थीं बाद में बोनी श्रीदेवी को सरप्राइज देने दुबारा दुबई पहुंचे और उसी रात करीब 8 बजे बाथटब में डूबने से श्रीदेवी की सांसों ने उनका साथ छोड़ दिया था। श्रीदेवी का अचानक यूं जाना उनके चाहने वालों के साथ साथ पूरे परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं था।
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श्रीदेवी को हिंदी सिनेमा का पहली लेडी सुपरस्टार कहा जाता है। इस दुनिया में अब श्रीदेवी की शोहरत की कहानियां ही रहने वाली हैं, उनके वजूद की अब सिर्फ निशानियां ही रहने वाली हैं। श्रीदेवी ने हर वो चीज हासिल की, जिसके बारे में उन्होंने सोचा था फिर चाहें वो शोहरत हो, पैसा हो जान से ज्यादा प्यार करने वाला पति हो या जान से प्यारी बेटियां। श्रीदेवी की बड़ी बेटी जान्हवी तो अपनी पहली ही फिल्म से सुपरहिट हो गई हैं। इस लम्हें का इंतजार हवा-हवाई को काफी लंबे समय से था। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि वह अपनी बेटी को बड़े पर्दे पर देखने का सपना लेकर ही वो इस दुनिया से चली गई।
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स्टारडम श्रीदेवी के लिए कोई नई बात नहीं थी। श्रीदेवी की जिंदगी में शोहरत की बुलंदी तो उस उम्र से दस्तक दे रही थी, जब उन्हें इसका इल्म तक नहीं था। आज की पीढ़ी ये जानकर हैरान रह जाएंगी कि श्रीदेवी को देखकर फिल्मों के रोल तभी से लिखे जाने लगे थे, जब उनकी उम्र 10 साल की भी नहीं थी। श्रीदेवी तब तमिल फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट थी। श्रीदेवी को पहली फिल्म कंडन करुनाई की शूटिंग के लिए उनके माता-पिता गोद में लेकर गए थे। वही श्रीदेवी 10 साल की होते होते सुपरस्टार बन गई। इतनी बड़ी स्टार की पहली क्लास के बाद स्कूल जाने तक की मोहलत नहीं थी।
13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवकाशी में पैदा हुईं श्रीदेवी के पिता वकील थे। फिल्मी दुनिया से इस परिवार का नाता दूर-दूर तक नहीं था, लेकिन एक घटना ने श्रीदेवी का फिल्मों में आना जैसे पक्का कर दिया। तब 4 साल की थी श्रीदेवी, अपने पिता के साथ श्रीदेवी एक राजनीतिक सभा में गईं थी। उस सभा में जाना था श्रीदेवी के चाचा को, जो राजनीति में सक्रिय थे, लेकिन अचानक कहीं बिजी हो जाने की वजह से उन्होंने बड़े भाई अयप्पन को वहां जाने के लिए कह दिया, तब श्रीदेवी ने भी पिता के साथ जाने की जिद की। इसी सभा में 4 साल की श्रीदेवी को कन्नड़ के मशहूर कवि कवियारासर ने देखा और उनके पिता से श्रीदेवी को फिल्मों में भेजने की बात कही।
अपने आखिरी दिनों में श्रीदेवी बड़ी बेटी जाह्नवी को धड़क फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू कराने की तैयारियों में लगी थीं। धड़क की शूटिंग की वजह से ही जाह्नवी दुबई उस शादी में नहीं पहुंच पाई थी जहां श्रीदेवी को आखिरी बार मुस्कुराते हुए देखा गया। खुशियां मनाते हुए देखा गया। शादी के बाद बोनी अपनी बेटी खुशी को साथ लेकर मुंबई लौट आए वहीं श्रीदेवी ने वहां रुकने का फैसला किया। और जब बोनी दुबारा दुबई पहुंचे तो जैसे श्रीदेवी अपने आखिरी वक्त में उनके आने का ही इंतजार कर रही थीं।
बोनी और श्रीदेवी में करार तो रोमांटिक डिनर पर जाने का हुआ था .लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था । अपने कमरे के बाथ रूम में तो श्रीदेवी चल कर गईं थी लेकिन बाहर लौटी उनकी मौत की खबर। अपने चाहने वालों को तनहा छोड़ श्रीदेवी अपने आखिरी सफर पर निकल पड़ी । श्रीदेवी के चाहने वालों के पास अब सिर्फ उनकी यादें हैं .श्रीदेवी की बाते हैं और 300 फिल्मों में निभाए उनके किरदारों का कारवां है।
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