जानेमाने बांग्ला अभिनेता सौमित्र चटर्जी की बेटी पॉलोमी बसु ने कहा कि चटर्जी द्वारा बनाए गए कई रेखाचित्र, लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा डायरी में दर्ज अनुभव और अप्रकाशित कविताओं को आने वाले दिनों में सार्वजनिक किया जाएगा। वहीं, अभिनेता की स्मृति में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
चटर्जी (85) कोविड-19 से पीड़ित थे और 15 नवंबर को उनका निधन हो गया था। बसु ने कहा कि लॉकडाउन के बाद उनके पिता नियमित शूटिंग पर जाना चाहते थे और मार्च के अंत से लेकर सितंबर के पहले सप्ताह तक उन्होंने जो लिखा उसे प्रकाशित किया जाएगा।
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बसु ने कहा, “वह बिना काम किये नहीं रह सकते थे। लॉकडाउन के समय वह कभी कभार अस्थिर हो जाते थे। हम उन्हें कहते थे कि स्थिति पर नियंत्रण करना हमारे हाथ में नहीं है। उन्हें शूटिंग के दौरान की दिनचर्या याद आती थी। वह नियमित डायरी लिखने लगे थे।”
उन्होंने कहा कि चटर्जी ने जुलाई में एक बार अपनी डायरी में लिखा था कि वह अपने विचारों को कविता का रूप देना चाहते थे। बसु ने कहा कि उनके पिता ने रंगीन चित्र भी बनाए थे। उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती होने से पहले उन्होंने अंतिम बार अपनी डायरी में लिखा था। बसु भी अपने पिता की तरह थियेटर से जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा, “मैं अपने पिता द्वारा लिखी गई अंतिम कविताओं और चित्रों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करना चाहती हूं। हम चाहते हैं कि एक पाठक को उनके (चटर्जी) के विचारों के बारे में पता चले। हम उनके द्वारा लिखी गई चीजों को परिवार में छिपा कर रखना नहीं चाहते।”
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वहीं, बसु ने कहा कि वह और उनके पिता रस्म-रिवाजों में विश्वास नहीं करते थे, लेकिन उन्होंने इसे अपनी मां की इच्छा के अनुसार आयोजित किया। शहर के एक लोकप्रिय मठ में करीबी परिजनों की उपस्थिति में यह प्रार्थना सभा आयोजित की गई। उन्होंने बताया, ‘‘बेटी होने के नाते, मैंने यह आयोजन करने का फैसला किया। मैंने इसमें भाग लिया। मुझे लगता है कि पिता ने उस जगह की शांति को पसंद किया होता जहां यह आयोजित किया गया।’’ बसु ने कहा कि बाद में परिवार और थिएटर मंडली 'मुखोमुखी' द्वारा स्मृति सभाएं आयोजित की जाएंगी।