मुंबई: बॉलीवुड के चर्चित गायक सोनू निगम ने अजान पर दिए विवादस्पद बयान पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई पेश की। मीडिया से बात करते हुए सोनू ने कहा है कि मेरी बात का बतगंड़ बना दिया गया है, मेरी बात को गलत तरीके से लिया गया है। मैनें मस्जिद के साथ ही मंदिर और गुरुदवारें के लिए भी बात कही थी और मेरा मानना है कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर नहीं होना चाहिए। मैं पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष आदमी हूं लेकिन मेरा मानना है कि धर्म के नाम पर लाउडस्पीकर से शोर मचाना गुंडागर्दी है।
सोनू ने आगे कहा कि रास्तों पर जो उत्सव होते हैं, लोग नाचते हैं, दादागीरी करते हैं इससे पुलिस वालों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। सोनू ने कहा लोग धर्म के नाम पर शराब पीते हैं, फिल्मी गाने बजाते हैं, यह सब कहां तक सही है।
सोनू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी सफाई
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोनू ने यह भी कहा कि आपको बुद्धिजीवी समझकर मैंने यह बात कही थी। अपने बच्चों को आप अच्छा माहौल दीजिए। मेरी बात को घुमा-फिराकर, बढ़ा-चढ़ाकर क्यों पेश कर रहे हैं आप? सोनू ने कहा, ना ही मैं सेक्यूलर हूं और ना ही राइट विंग या लेफ्ट विंग से ताल्लुकात रखता हूं। सच्चाई तो यह है कि मैं भी माइनरिटी हूं।
योगी सरकार पर सोनू ने दिया जवाब
यूपी के सीएम आदित्यनाथ से उनक बयान को जोड़ने पर सोनू ने कहा कि क्या मुद्दा उठाने में गलती हो गई, या मेरी टाइमिंग गलत थी? क्या योगी सरकार आने से इसका कोई संबंध है? सोनू ने कहा मैंने ये मुद्दा पकड़ा है बाकि आप पकड़िए। सोनू ने कहा मैंने यह सब प्लान नहीं किया है, इसलिए अगर कोई गलती हो तो माफ कर दीजिएगा। मैं सोशल इशू पर बात कर रहा हूं, धर्म कहां से आ गया बीच में।
सोनू ने कहा मैं सारे धर्म मानता हूं
सोनू ने यह भी कहा कि मैं सभी धर्मों पर विश्वास करता हूं, और सभी धर्मों के लिए मेरे दिल में इज्जत है। मैं मंदिर भी जाता हूं और गुरुद्वारे भी जाता हूं। जब किसी मंदिर या मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाया जाता है तो वो गलत है, मेरे हिसाब से यह गुंडागर्दी है।
पैगंबर के अपमान पर बोले सोनू
सोनू ने कहा कि मैं एक बात साफ-साफ बता देना चाहता हूं, कुछ लोगों का कहना है कि मैंने मोहम्मद क्यों लिखा मोहम्मद साहब क्यों नहीं लिखा, तो मै बता दूं, ट्विटर में आदमी सोच समझकर छोटा-छोटा लिखता है ताकि उसकी बात कम शब्दों में पूरी हो जाए।
क्या है पूरा मामला ?
सोमवार सुबह सोनू निगम ने ट्वीट किया था, "भगवान सभी पर कृपा करें। मैं मुस्लिम नहीं हूं और मुझे सुबह अजान की आवाज से जागना पड़ता है। भारत में जबरदस्ती की धार्मिकता का अंत कब होगा, और वैसे भी जिस समय मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था जब बिजली नहीं हुआ करती थी। फिर एडिसन के अविष्कार के बाद ही इस शोर की क्या जरूरत है? मुझे नहीं लगता कि कोई भी मंदिर या गुरुद्वारा उन लोगों को जगाने के लिए बिजली का इस्तेमाल करते हैं जो उस धर्म का पालन ही नहीं करते। फिर ऐसा क्यो? गुंडागर्दी है बस।"