इस तरह के कार्यक्रम समाज में जागरूकता फैलाने के लिए कितने जरूरी हैं? इस सवाल पर सोनल ने कहा, "मैं मानती हूं कि इस तरह के कार्यक्रम जरूर होने चाहिए, क्योंकि यह जागरूकता फैलाने के साथ ही इस रोग से प्रभावित लोगों को जीवन के प्रति सकारात्मक रहने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं।"