मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘ए जेंटलमेन’ को लेकर खूब चर्चा में बने हुए हैं। इंडस्ट्री में कोई भी गौड फादर या फिल्मी परिवार से न होने के बावजूद उन्होंने सिनेमा जगत में अपनी खास पहचान बना ली है। अपनी पहली ही फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से सिद्धार्थ ने इंडस्ट्री में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं। वह रचनात्मक अलोचना में विश्वास करते हैं। सिद्धार्थ का कहना है कि जब फिल्म उद्योग के अंदर से आलोचनाएं आती हैं तो वह उन्हें गंभीरता से लेते हैं।
छोटी सी अवधि में सिद्धार्थ ने कई बेहद सफल फिल्में दीं, हालांकि उन्हें कई फिल्मों की असफलता का भी सामना करना पड़ा। इस पर सिद्धार्थ का कहना है कि, "देखिए, मेरा मानना है कि फिल्म समीक्षाएं किसी अभिनेता को सुधार करने या विकास करने में मददगार नहीं होतीं, क्योंकि उनकी टिप्पणियां महज कागजों में कैद होती हैं..वे हमेशा या तो सकारात्मक होती हैं या नकारात्मक।"
वह कहते हैं, "और मैं समझ सकता हूं, इस तरह की समीक्षा करते समय उनका पूरा ध्यान फिल्म के कारोबार पर होता है।" सिद्धार्थ का कहना है, "सिर्फ रचनात्मक आलोचना ही हमें एक कलाकार के तौर पर विकास करने में मदद करती है। इसलिए जब भी फिल्म जगत के अंदर से इस तरह की आलोचनाएं आती हैं तो मैं उन्हें गंभीरता से लेता हूं।" (जबरदस्त एक्शन और दमदार डायलॉगबाजी संग रिलीज हुआ अजय देवगन की 'बाहशाहो' का ट्रेलर)