मुंबई: हाल के सालों में बॉलीवुड की सारी छोटे बजट की और छोटे शहरों पर बेस्ड फिल्में रिलीज हुई्ं, ये फिल्में ज्यादातर यूपी के शहरों पर बेस्ड थीं, 'बरेली की बर्फी', 'शादी में जरूर आना', 'रेड' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' जैसी तमाम फिल्में यूपी के शहरों पर बेस्ड रहीं। लेकिन इस साल फिल्ममेकर्स ने यूपी को छोड़ बिहार का दामन थाम लिया है। साल 2019 में दो ऐसी दमदार फिल्में रिलीज होने वाली हैं जो बिहार के बैकग्राउंड पर बेस्ड हैं। खास बात यह है कि ये दोनों ही फिल्में बिहार के बिल्कुल अलग रंगों को दर्शाएंगी।
सुपर 30
बिहार राज्य पढ़ाई-लिखाई के लिए जाना जाता है। वहां के बच्चे आईएस, पीसीएस और आईआईटी क्लियर करने में सबसे आगे रहते हैं। इसी पर बेस्ड ऋतिक रोशन की फिल्म 'सुपर 30' इसी महीने जुलाई में रिलीज होने जा रही है। 'सुपर 30' में अभिनेता ऋतिक रोशन बिहारी गणितज्ञ और सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के रोल में नजर आने वाले हैं। आनंद कुमार बिहार में सुपर 30 नाम की कोचिंग चलाते हैं जहां वो उन बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं जिनके अंदर क्षमता तो है मगर वो पैसे वाले नहीं हैं। उनकी कोचिंग के तमाम बच्चे आईआईटी क्लियर कर लेते हैं। इस फिल्म के लिए ऋतिक रोशन ने अपने लुक से लेकर अपनी बोली पर काम किया है। फिल्म में वो बिहारी बोलते नजर आएंगे और उनका लुक भी माचो हीरो से बिल्कुल अलग होगा। ट्रेलर में आपने इसकी झलक देख ही ली होगी।
जबरिया जोड़ी
सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की फिल्म 'जबरिया जोड़ी' भी बिहार के बैकग्राउंड पर बेस्ड है। यह फिल्म बिहार के पकड़वा विवाह पर आधारित है। दरअसल बिहार में अक्सर यह होता है कि जब वहां के लोगों को दहेज की वजह से अच्छा लड़का नहीं मिलता है तो वो किसी लड़के को किडनैप कर लाते हैं और उसकी शादी जबरदस्ती अपने घर की लड़की से करा देते हैं। बिहार से ऐसे कई सारे वीडियो भी आए हैं जहां दूल्हा रोते-रोते शादी की रस्में पूरी करता है क्योंकि उसके सिर पर बंदूक या चाकू होता है। सिद्धार्थ मल्होत्रा इस फिल्म में ऐसे ही गली के गुंडे के रोल में हैं जो लड़कों को पकड़कर उनका जबरदस्ती ब्याह करा देता है। इस फिल्म के लिए सिद्धार्थ ने अपनी बोली पर काम किया है। फिल्म में वो बिहारी एक्सेंट में बोलते दिख रहे हैं। साथ ही उनका लुक भी पिछली फिल्मों से बिल्कुल अलग लग रहा है।
देखना दिलचस्प होगा कि जैसे यूपी वाली फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था अब बिहार वाली फिल्में धमाल मचा पाती हैं या नहीं? अब हम आपको कुछ ऐसी फिल्मों के नाम भी बताते हैं जो बिहार के बैकग्राउंड पर बन चुकी हैं।
बिहार बैकग्राउंड पर बनीं बॉलीवुड फिल्में
अब हम आपको कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिहार के बैकग्राउंड पर बेस्ड रही हैं।
मांझी
केतन मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म 'मांझी: द माउंटेन मैन' की कहानी बिहार पर बेस्ड थी। इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दशरथ मांझी का रोल प्ले किया था। यह फिल्म 21 अगस्त 2015 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। यह कहानी बिहार में गया के करीब गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर दशरथ मांझी की है, जो केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। 22 वर्षों परिश्रम के बाद, दशरथ के बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किलोमीटर से महज 15 किलोमीटर कर दिया था।
गंगाजल
अजय देवगन की फिल्म 'गंगाजल' भी बिहार के बैकग्राउंड पर आधारित थी। इस फिल्म की शुरुआत में ही अजय देवगन एसपी अमित कुमार के रूप में बिहार के तेजपुर जिले का पदभार संभालते हैं।
अपहरण
अपहरण साल 2005 में बनी अपराध-ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन प्रकाश झा ने किया था। अजय देवगन, नाना पाटेकर और बिपाशा बसु की यह फिल्म आदर्शवादी पिता और महत्वाकांक्षी बेटे के बीच टकराव पर आधारित है। इस फिल्म का बैकग्राउंड भी बिहार पर आधारित है।
शूल
रामगोपाल वर्मा ने साल 1999 में क्राइम ड्रामा फिल्म 'शूल' बनाई थी। यह फिल्म बिहार की राजनीति और क्राईम पर बेस्ड थी। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी अहम किरदार में नजर आए थे। इस फिल्म में शिल्पा शेट्टी का एक आइटम नंबर भी था जो बहुत फेमस हुआ, वो गाना है 'मैं आई हूं यूपी बिहार लूटने'
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