नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को लेकर विवाद अभी थमे नहीं है, लेकिन अब एक नई बहस शुरू हो गई है। आरोप है कि फिल्म में प्रतिबंधित जौहर प्रथा और सती प्रथा का महिमामंडन कहा गया है। इस बहस के बीच फिल्म में महाराजा रावल रतन सिंह का किरदार निभाने वाले अभिनेता शाहिद कपूर ने कहा कि लोगों को उस दौर को ध्यान में रखते हुए यह फिल्म देखनी चाहिए जिस दौर में रची गई है।
फिल्म पिछले हफ्ते रिलीज हुई थी। लेकिन दर्शकों का एक वर्ग यह कहते हुए इसकी आलोचना कर रहा है कि भंसाली ने जौहर प्रथा वाले हिस्से को बेहद नाटकीय ढंग से पेश किया है। यह बहस तब शुरू हुई जब अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने निर्देशक को खुला पत्र लिखा और वह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पत्र में स्वरा ने लिखा कि पद्मावत देखने के बाद उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि वह एक ‘वेजाइना’ तक सिमट कर रह गई हैं।
कई दर्शकों के मुताबिक इस प्रथा को ‘जश्न’ के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस बारे में पूछने पर शाहिद ने एक साक्षात्कार में कहा कि इस फिल्म को 13वीं सदी के संदर्भ में देखने की जरूरत है। शाहिद ने कहा, ‘‘ याद कीजिए जौहर के दृश्य से ठीक पहले क्या हुआ था? राजा की मौत हो गई थी। ऐसे में, जब राजा की मौत हो गई तो जश्न कैसे मनाया जा सकता है? ’’उन्होंने कहा, ‘‘ हर प्रथा के पीछे कई कारण होते हैं। इस फिल्म में पद्मावती का मानना है कि वह खुद को अग्नि के हवाले कर दे क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि एक दुष्ट व्यक्ति के हाथ उस तक पहुंचे जो एक महिला को पाने की खातिर पूरे साम्राज्य को खत्म करने को तैयार है। अब आप ही फैसला कीजिए कि यह बात अच्छी है या बुरी। ’’
शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की फिल्म 'पद्मावत' 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।