Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मनोरंजन
  3. बॉलीवुड
  4. जिंदगी की शाम में भुला दिए गए बशीर बद्र, वीडियो देखकर आंखें हो जाएंगी नम

जिंदगी की शाम में भुला दिए गए बशीर बद्र, वीडियो देखकर आंखें हो जाएंगी नम

शोहरत की बुलन्दी पल भर का तमाशा है, जिस शाख पे बैठे हो वो टूट भी सकती है

Written by: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published on: February 22, 2018 15:46 IST
Bashir Badr- India TV Hindi
Bashir Badr

नई दिल्ली: ‘उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो, ना जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए’ बशीर बद्र का ये शेर अक्सर आपने किसी न किसी को इस्तेमाल करते सुना होगा। वो ऐसे शायर थे जिनकी वजह से ना जाने कितने लोगों ने उर्दू शेर-ओ-शायरी में दिलचस्पी जागी। लेकिन हर शायर की आखिरी मंजिल तन्हाई ही होती है। जिनके शेर संसद तक में बोले गए वो शायर आज अपनी ही शायरी भूलने लगा है। बशीर बद्र ने ही लिखा था-

शोहरत की बुलन्दी पल भर का तमाशा है,

जिस शाख पे बैठे हो वो टूट भी सकती है.

उन्हें भी पता था शायर के पास जब तक शायरी है तभी तक बुलंदी है शोहरत की, आज वो तन्हा हैं। आपको याद होगा

कुछ दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में एक शे’र पढ़ा था-

दुश्मनी जम के करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,

जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों.

इसके जवाब में नरेंद्र मोदी ने अगले दिन एक और शे’र पढ़ा:

जी बहुत चाहता है सच बोलें,

क्या करें हौसला नहीं होता.

दोनों ही शेर बशीर बद्र ने लिखे हैं। आप सोच रहे हैं कि हम बशीर बद्र की बात आज क्यों कर रहे हैं। दरअसल उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है। ईटीवी मध्य प्रदेश के फेसबुक पेज ने उनका एक वीडियो शेयर किया है, उस वीडियो में बशीर बद्र की जो हालत दिखाई दे रही है उसे देखकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे।

बशीर की याद्दाश्त कमजोर हो गई है... अपने ही शेर उन्हें याद नहीं हैं। आसपास के लोग उनके ही शेर आधा पढ़कर छोड़ रहे हैं, ताकि उसे पूरा करने के बहाने ही सही उन्हें कुछ याद तो आए। कुछ शेर तो वो पूरा कर दे रहे थे लेकिन कुछ अपने ही लिखे शेर बशीर बद्र को नहीं याद आए।

साथ खड़ा व्यक्ति बोलता है

 ‘कहां दिन गुज़ारा….’ और वो रुक जाता है... बद्र उस शेर को पूरा करने की कोशिश करते हैं….

‘… कहां रात… की!’

बशीर बद्र कहां हैं... किस हालत में हैं... हमने कभी भी उनके बारे में नहीं सोचा। लेकिन शुक्र है उनके पास उनकी शरीक-ए-हयात यानी उनकी बीवी हैं। राहत बद्र उनकी देखभाल कर रही हैं। उनके बारे में बात करते हुए राहत ने कहा- कभी उनके पास वक्त नहीं होता था परिवार के लिए, हम तब भी उन्हें समझते थे और उनके पास थे, आज जब कोई नहीं है तब भी हम उनके साथ हैं।

बशीर के चाहने अभी भी हैं। लोग आज भी उनके शेर पढ़ते हैं। संसद तक में उनके शेर धूम मचा रहे हैं। लेकिन क्या एक कवि के लिए सिर्फ इतना ही जरूरी है?

यहां देखिए उनका वीडियो...

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement