नई दिल्ली: दिवंगत अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के मां-बाप ने Bombay High Court के अप्रैल 25 को दिए उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें राहुल राज सिंह को अग्रिम जमानत दे दी गई थी। प्रत्युषा के पैरेंट्स ने यह आशंका व्यक्त की थी कि इस बात की संभावना है कि मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई हो और राहुल राज की अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग की थी। प्रत्युषा की मां सोमा बनर्जी के वकील द्वारा मामले की तत्काल सुनवाई की मांग के बाद न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की सदस्यता वाली सर्वोच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है।
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सोमा के वकील ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा राहुल राज सिंह को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। उन्होंने साथ ही अदालत को बताया कि प्रत्यूषा की मां चाहती हैं कि आरोपी पर धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की जगह भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
मामले की स्थिति पर पीठ के एक प्रश्न पर अधिवक्ता ने कहा कि जांच जारी है। राहुल राज सिंह को आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 506 (आपराधिक धमकी) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) का मामला दर्ज किया गया है।
प्रत्युषा ने 1 अप्रैल को अपने मुंबई स्थित फ्लैट में पंखे से लटक कर फांसी लगा ली थी।