नई दिल्ली: छोटे पर्दे की जानी मानी दिवंगत अभिनेत्री प्रत्युषा बनर्जी का मामला अब तक सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रत्यूषा के प्रेमी राहुल राज सिंह की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए प्रत्यूषा की मां की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। राहुल पर 'बालिका वधु' से चर्चित अभिनेत्री प्रत्यूषा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। राहुल को बंबई उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल को अग्रिम जमानत दी थी। प्रत्यूषा की मां सोमा बनर्जी चाहती थीं कि बेटी की हत्या के सिलसिले में राहुल को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करे।
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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पी.सी.घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की अवकाश पीठ ने राहुल राज सिंह पर हत्या का आरोप लगाने की याचिका स्वाकीर नहीं की। प्रत्यूषा का आत्महत्या के पूर्व लिखा गया कोई सुसाइड नोट नहीं है और प्रत्यूषा और राहुल की आखिरी बातचीत में हालांकि दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं लेकिन वे एक दूसरे लिए अगाध प्रेम भी प्रदर्शित करते हैं।
पीठ ने सोमा के वकील से कहा कि आत्महत्या से पहले दिया गया बयान है उससे पता चलता है कि वे एक दूसरे से प्यार करते थे। जबकि सोमा के वकील का कहना था कि राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ करने से ही उनके मुवक्किल की बेटी की मौत की सच्चाई का पता चलेगा।
पीठ ने पूछा कि क्या महाराष्ट्र पुलिस ने जमानत को चुनौती देने के लिए कोई याचिका दायर की है। इस पर सोमा के वकील ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने जमानत को चुनौती देने के लिए कोई याचिका दायर नहीं की है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने सोमा की याचिका खारिज कर दी।
राहुल का कथित रूप से प्रत्यूषा के साथ लिव इन रिलेशन था। राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा (306), आपराधिक धमकी ( 506) और जानबूझकर चोट पहुंचाने की धारा 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने प्रत्यूषा के माता-पिता की शिकायत के बाद राहुल के खिलाफ कार्रवाई की थी।
मुंबई उच्च न्यायालय ने राहुल को अग्रिम जमानत देने से पहले प्रत्यूषा और राहुल की बातचीत सुनी थी। सरकारी वकील का कहना था प्रत्यूषा ने राहुल से बातचीत के दौरान आत्महत्या के इरादे का संकेत दिया था।