नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सैंडलवुड ड्रग्स मामले में कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी की ओर से दाखिल जमानत याचिका के संबंध में नोटिस जारी किया है। अभिनेत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बिना किसी सत्यापित सबूत या रिकवरी के ही वह 90 दिनों से जेल में बंद है। न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और के.एम. जोसेफ की पीठ ने रागिनी की याचिका पर कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा। एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड साहिल भालिक के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि अभियोजन पक्ष ने जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है। यह उल्लेखनीय है कि रागिनी को आरोपी बनाया गया है और वह 90 दिनों के बाद भी जेल में बंद है, जबकि उसके पास से किसी भी प्रकार की ड्रग्स की बरामदगी नहीं हुई है।
याचिका में कहा गया है कि पुलिस द्वारा दिए गए झूठे बयान के आधार पर ही उसे फंसाया गया और मीडिया ट्रायल का शिकार हुई। रागिनी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ के समक्ष कहा कि उनसे कोई रिकवरी नहीं की गई और पूरा मामला पुलिस के समक्ष एक सह-अभियुक्त द्वारा दिए गए बयान पर आधारित है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। द्विवेदी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 3 नवंबर के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में एक विशेष अवकाश याचिका दायर की थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक अन्य आरोपी संजना गलरानी के साथ उसे राहत देने से इनकार कर दिया था।
फिल्म बिरादरी के सदस्यों के बीच ड्रग्स से संबंधित आरोपों पर दोनों को सितंबर में बेंगलुरु सेंट्रल क्राइम ब्रांच पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर गिरफ्तार किया था। रागिनी को 4 सितंबर और संजना को 8 सितंबर को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। रागिनी और संजना के अलावा, 20 ड्रग्स पैडलर्स, पार्टी आयोजकों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)