नई दिल्ली: आर्म्स एक्ट में सलमान खान बरी, कोर्ट ने सुनाया फैसला। कोर्ट के भारी सलमान के फैंस की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। यह केस पिछले 18 साल से जोधपुर सीजेएम कोर्ट में चल रहा था। दरअसल, सलमान खान पर आरोप था कि 1998 में फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग के दौरान उन्होंने चिंकारा और काले हिरण के शिकार किया था। सलमान पर आरोप लगा था कि उन्होंने ऐसे हथियार रखे जिनके लाइसेंस की मियाद ख़त्म हो चुकी थी। इसके बाद सलमान के ख़िलाफ़ अवैध तरीके से हथियार रखने और उनसे शिकार करने के मामले दर्ज किए गए।
सलमान खान के ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 और 3/27 में केस दर्ज किया गया। हिरण शिकार प्रकरण में सलमान पहले भी तीन बार जोधपुर जेल में बंद रह चुके हैं। सलमान और उनके साथ बालीवुड के कुछ अन्य कलाकारों पर 1998 में एक-दो अक्टूबर की मध्य रात्रि को काले हिरण का शिकार करने का आरोप है। कलाकारों का दल वहां फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग के लिए गया था। सलमान पर अवैध हथियार लेकर जाने और उसका इस्तेमाल करने का आरोप है। उस हथियार के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई थी। उनके खिलाफ आग्नेयास्त्र कानून के तहत एक मुकदमा दर्ज किया गया था।
राजस्थान उच्च न्यायालय सलमान को चिंकारा के शिकार मामले में वर्ष 2016 की जुलाई में बरी कर चुका है। सलमान ने उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के समक्ष निचली अदालत के 2006 के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें चिंकारा के शिकार से जुड़े दो मामलों में एक साल और पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
सलमान के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी निचली अदालत के फैसले को विभिन्न आधार पर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जुलाई में उच्च न्यायालय ने सलमान की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था और सजा की अवधि बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया था।
राजस्थान सरकार ने सलमान को चिंकारा के शिकार मामले में बरी करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ वर्ष 2016 के अक्टूबर में एक विशेष सुनवाई याचिका (एसएलपी) सर्वोच्च न्यायालय में दायर की थी।