''कभी कभी'', ''सिलसिला'' और ''बाजार'' जैसी फिल्में लिखने वाले प्रख्यात लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी का आयु संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते रविवार रात निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। सरहदी के भतीजे तथा फिल्मकार रमेश तलवार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्होंने यहां सियोन के निकट अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
तलवार ने कहा, ''मध्यरात्रि से कुछ देर पहले उनका निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने खाना तक छोड़ दिया था।'' उन्होंने कहा कि सियोन शवदाह गृह में सरहदी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर, निर्देशकों हंसल मेहता, अनुभव सिन्हा, एन एम पांडा, तथा अभिनेता जैकी श्रॉफ ने सरहदी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अख्तर ने ट्वीट किया, ''दिग्गज नाटक तथा फिल्म लेखक सागर सरहदी का निधन हो गया है। उन्होंने ‘‘कभी कभी’’ और ‘‘नूरी’’ जैसी फिल्मों का लेखन तथा ‘‘बाजार’’ फिल्म का निर्देशन किया।''
मेहता ने खालिद महमूद के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, ''आपकी आत्मा को शांति मिले सागर सरहदी साहब।'' पांडा ने लिखा, ''सागर सरहदी जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। फिल्म जगत के लिये बड़ा नुकसान।''
जैकी श्रॉफ ने सरहदी के साथ एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा, ''आपकी याद आएगी। आत्मा को शांति मिले।''
पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर के निकट बफ्फा शहर में पैदा हुए सरहदी का नाम गंगा सागर तलवार था। सीमांत प्रांत से संबंध होने के चलते उन्होंने अपने नाम के आगे 'सरहदी' जोड़ लिया था। सरहदी का परिवार विभाजन के दौरान दिल्ली आ गया था। उस समय वह 12 साल के थे। दिल्ली में मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये अपने बड़े भाई के परिवार के साथ मुंबई आ गए थे।
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सरहदी ने खालसा कॉलेज और फिर सेंट जेवियर कॉलेज से पढ़ाई की, लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़कर खर्चा चलाने के लिये विज्ञापन एजेंसी में काम करने लगे। साल 2018 में राज्यसभा टीवी के कार्यक्रम गुफ्तगू में उन्होंने शो के मेजबान एस एम इरफान से कहा था कि विस्थापन का दर्द हमेशा उनके साथ रहा।
उन्होंने कहा था, ''इसका (विभाजन का) दर्द अब भी मेरे अंदर बाकी है। मैं अब भी सोचता हूं कि वे कौन सी ताकतें थीं, जिन्होंने आपको आपका गांव छोड़कर एक इंसान से शरणार्थी बनने को मजबूर किया। मैं आज भी अपने गांव को बहुत याद करता हूं। ''
सरहदी ने उर्दू लघु कथाओं से अपने करियर की शुरुआत की और फिर उर्दू नाट्य लेखक बन गए। फिल्मकार यश चोपड़ा की 1976 में आई अमिताभ बच्चन तथा रेखा अभिनीत फिल्म ''कभी कभी'' से उन्होंने बॉलीवुड में प्रवेश किया। सरहदी ने चोपड़ा की ''सिलसिला'' (1981) और श्रीदेवी तथा ऋषि कपूर अभिनीत ''चांदनी'' जैसी फिल्मों के लिए संवाद लेखन किया।
साल 1982 में सरहदी ने निर्देशन में हाथ आजमाए और सुप्रिया पाठक शाह, फारूक शेख, स्मिता पाटिल तथा नसीरुद्दीन शाह अभिनीत फिल्म ''बाजार'' का निर्देशन किया। सरहदी ने 1992 में आई अभिनेता शाहरुख खान की पहली फिल्म ''दीवाना'' और ऋतिक रोशन की पदार्पण फिल्म ''कहो ना प्यार है'' के संवाद भी लिखे। सरहदी के परिवार में उनके भतीजे-भतीजियां हैं।