अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसके भाई शौविक के वकील ने गुरुवार को उच्च न्यायालय से कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को जांच शुरू करने का कोई अधिकार नहीं है।
वकील सतीश मानशिन्दे ने उच्च न्यायालय से कहा कि एनसीबी को संबंधित मादक पदार्थ मामले की जांच राजपूत की मौत की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को हस्तांतरित करनी चाहिए थी। संबंधित मादक पदार्थ मामले में रिया और शौविक आरोपी हैं तथा वर्तमान में जेल में हैं।
उच्च न्यायालय ने रिया और शौविक की जमानत याचिकाओं पर कोई आदेश पारित नहीं किया और एनसीबी से सोमवार (28 सितंबर) तक जवाब दायर करने को कहा। एनसीबी ने रिया और शौविक के खिलाफ स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जेल में बंद बहन-भाई ने अपनी जमानत याचिकाएं खारिज करने के विशेष एनडीपीएस अदालत आदेश को इस सप्ताह के शुरू में उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की एकल पीठ से मानशिन्दे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राजपूत की कथित आत्महत्या की जांच से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि मौत से संबंधित सभी मामलों की जांच सीबीआई करेगी। वकील ने तर्क दिया कि रिया और शौविक के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की कठोर धारा 27 ए नहीं लगाई जानी चाहिए थी। यह धारा मादक पदार्थ के अवैध कारोबार से संबंधित है जिसमें दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद का प्रावधान है।
न्यायमूर्ति कोतवाल ने मानशिन्दे और एनसीबी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से कहा कि वे मामले में धारा 27 ए लगाने और जमानत देने या न देने संबंधी तथ्यों पर सुनवाई की अगली तारीख को विस्तार से अपनी बात रखें। न्यायाधीश ने वर्तमान मामलों को राजपूत के सहयोगियों-दीपेश सावंत और सैम्यूल मिरांडा तथा कथित मादक पदार्थ तस्कर अब्दुल परिहार की जमानत याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया। याचिकाओं पर 29 सितंबर को सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति कोतवाल ने एनसीबी से कहा कि वह रिया और शौविक की जमानत याचिकाओं पर सोमवार तक हलफनामा दायर करे। राजपूत गत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत मिले थे।