नई दिल्ली: होश वालों को खबर, होठों से छू लो तुम, तुमको देखा तो ये खयाल आया जैसे गजल गाने वाले सरताज जगजीत सिंह आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी गजलें आज भी सुनकर एक पल के लिए दिल झुम उठता है। आज यह महान शख्स हमारे बीच नहीं है लेकिन अपने गजल के माध्यम से जगजीत सिंह आज भी हमलोगों के अंदर जिंदा है।
जगजीत सिंह की गाई गजलें अगर मुहब्बत से भले दिल की आवाज बनी, तो टूटे हुए दिलों की दवा भी बनी। फिल्मों में गाए, सैकड़ों म्यूजिक एल्बम को अपनी आवाज से सजाए, देश ही नहीं दुनिया भर के स्टेज पर अपनी सुरों से शमां बांध दी।
इस बार जगजीत सिंह का बर्थडे उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने फैमिली मेंबर के साथ मिलकर मनाया।
जगजीत सिंह ने जब गजल गानी शुरू की थी उस वक्त गजलों को अलग ही अंदाज में गाया जाता था, लेकिन जगजीत सिंह ने गजलों को फिल्मी गानों की तरह गाना शुरू किया, नतीजा ये हुआ कि महफिलों में पढ़ी जाने वाली गजलों को गुनगुनाने में आम आदमी भी दिलचस्पी रखनी शुरु कर दी।
जगजीत सिंह की पैदाइश 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्री गंगानगर में हुई थी। उनके पिता अमर सिंह सरकारी कर्मचारी थे, पैदाइश के वक्त घरवालों ने उनका नाम जगमोहन रखा था लेकिन एक बुजुर्ग के मशविरे पर उनकी मां ने उनका नाम जगमोहन से जगजीत कर दिया।
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