नई दिल्ली: शुक्रवार को नेशनल अवार्ड से सम्मानित किए जाने वाले नामों की घोषणा की गई है। 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में इस बार लक्षद्वीप से लेकर लद्दाख तक क्षेत्रीय सिनेमा की धूम देखने को मिली। शुक्रवार को राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा हुई। करीब 3 दशक बाद रीमा दास के निर्देशन वाली असमिया फिल्म 'विलेज रॉकस्टार्स' ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किया है। देश का सबसे बड़ा सिनेमा सम्मान प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना को चुना गया, जो 'मुकद्दर का सिकंदर', 'द बर्निग ट्रेन' और 'अमर, अकबर, एंथोनी' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं। वहीं दूसरी ओर दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी को भी उनकी अंतिम फिल्म 'मॉम' में दिल को छू लेने वाले अभिनय के लिए मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
श्रीदेवी के साथ फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में काम कर चुके जूरी के अध्यक्ष शेखर कपूर ने मीडिया को बताया, "श्रीदेवी को यह सम्मान मेरे साथ अच्छे ताल्लुकात की वजह से नहीं बल्कि 'मॉम' में उनके योगदान के लिए दिया गया है।" फीचर फिल्मों के पैनल की अध्यक्षता हिन्दी तथा अंतर्राष्ट्रीय सिने जगत में अपने बेहतरीन काम के लिए पहचाने जाने वाले फिल्मकार शेखर कपूर ने की। गैर-फीचर फिल्म पैनल की अध्यक्षता नकुल कामते और सर्वश्रेष्ठ सिनेमा लेखन पैनल की अध्यक्षता अनंत विजय ने की। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तीन मई 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता की फेहरिस्त में मलयालम, मराठी, बांग्ला और असमी फिल्मों ने अच्छी-खासी पैठ बनाई है। शेखर ने शुक्रवार को विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा, "कौन जानता है कि जसारी कहां बोला जाता है? क्या किसी ने तुलू के बारे में सुना है?" उन्होंने जोर देते हुए कहा, "यह राष्ट्रीय एकीकरण है।" फीचर फिल्म श्रेणी में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के अलावा अन्य भाषाओं की फिल्मों को भी सम्मानित किया गया। जूरी ने इस बात का उल्लेख किया। सर्वश्रेष्ठ जसारी फिल्म का पुरस्कार 'सिंजर' को, सर्वश्रेष्ठ तुलू फिल्म का पुरस्कार 'पद्दाई' और सर्वश्रेष्ठ लद्दाखी फिल्म का पुरस्कार 'वॉकिंग विद द विंड' को मिला, जिसने दो अन्य पुरस्कार भी जीता। हिंदी सिनेमा में सिर्फ फिल्म 'न्यूटन' बड़ी विजेता बनकर उभरी। इसने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार जीता और फिल्म के अभिनेता पंकज त्रिपाठी को 'स्पेशल मेंशन' मिला।
जहां इस जीत से खुश पंकज त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वह इस पुरस्कार की दौड़ में शामिल हैं, वहीं फिल्म के निर्देशक अमित मर्सुकर ने कहा कि वह आशा करते है कि राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्म को मिली सफलता प्रासंगिक राजनीतिक सिनेमा के लिए और जगह बनाएगी। फिल्म 'इरादा' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने कहा कि यह एक ऐसी उपलब्धि है, जो बतौर कलाकार उन्हें जीवंत और खुश महसूस करा रहा है। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण संरक्षण/परिरक्षण का पुरस्कार मिला। फिल्म 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' के गाने 'गोरी तू लट्ठ मार' के लिए गणेश आचार्य ने सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार जीता। ऑस्कर विजेता संगीतकार ए.आर रहमान ने दो पुरस्कार जीते। उन्हें तमिल फिल्म 'काटरू वेलियीदाई' के लिए संगीत निर्देशन और 'मॉम' के लिए एक्टिंग बैकग्राउंड म्यूजिक का पुरस्कार मिला।
इस साल के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 10 सदस्यीय जूरी की अगुवाई करने वाले शेखर कपूर ने आईएएनएस से कहा, "हिंदी सिनेमा को क्षेत्रीय सिनेमा चुनौती दे रहा है।" उन्होंने कहा, "कुछ क्षेत्रीय फिल्मों में अभिनय प्रदर्शन पूरी तरह से जबरदस्त है। हिंदी फिल्में उनके साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती, जिस स्थिति में हैं, उस स्थिति में तो बिल्कुल नहीं..और मैं जानता हूं कि क्यों हमारी हिंदी फिल्में सबकुछ बनने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत कर रही हैं। ये जड़ों से जुड़ी हैं और इसलिए वे सफलता हासिल करने में कामयाब हैं।" रीमा दास की फिल्म 'विलेज रॉकस्टार्स' गरीब बच्चों की अद्भुत कहानी है, जो अभावों के बीच मजेदार जीवन का लुफ्त उठाते हैं। इस फिल्म के लिए भनिता दास ने सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का सम्मान भी हासिल किया है। फिल्म के लिए मल्लिका दास ने सर्वश्रेष्ठ लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट का पुरस्कार जीता। उत्पल बोरपुतारी जिनकी पहली फिल्म 'ईशु' ने सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म का पुरस्कार जीता, उन्होंने कहा, " 'विलेज रॉकस्टार्स' ने असमिया फिल्म समुदाय को जश्न मनाने का कारण दिया है।" एस.एस. राजामौली की फिल्म 'बाहुबली-2 : द कन्क्लूजन' को बेहतरीन लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार दिया गया है। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स का पुरस्कार भी अपने नाम किया है। अभिनेता रिद्धि सेन ने बांग्ला फिल्म 'नगरकीर्तन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता।
फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर, सर्वश्रेष्ठ मेकअप आर्टिस्ट और स्पेशल जूरी अवार्ड भी जीता। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मलयालम फिल्म 'भयानकम' के निर्देशक जयराज ने जीता। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ पटकथा (रूपातंरण) और सर्वश्रेष्ठ छायांकन का पुरस्कार भी जीता। संगीत की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पाश्र्व गायन का पुरस्कार दिग्गज गायक के.जे. येसुदास और गायिका शाशा तिरुपति को मिला, जबकि जे.एम. प्रह्लाद ने गीत 'मुथुरत्ना' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत का पुरस्कार जीता। निर्देशक की पहली सर्वश्रेष्ठ फिल्म का इंदिरा गांधी पुरस्कार फिल्म 'सिंजर' को मिला, जिसने सर्वश्रेष्ठ जासरी फिल्म का पुरस्कार भी जीता। राष्ट्रीय एकीकरण पर नरगिस दत्त पुरस्कार मराठी फिल्म 'धप्पा' को मिला। वहीं, वी.सी. अभिलाषा निर्देशित मलयासम फिल्म 'आलोरुक्कम' ने सामाजिक मुद्दे पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता। पुरस्कार जीतने वाली अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों में 'कच्चा लिम्बू ' (मराठी), 'थोड़ीमुथालूम दृक्साक्शियुम' (मलायलम), 'हेबेट्टू रामक्का' (कन्नड़), 'हैलो अर्सी', (उड़िया), 'टू लेट' (तमिल), 'गाजी ' (तेलुगू), 'मयूराक्षी' (बंगाली) और 'डीएचएच' (गुजराती) को मिला। सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्कार मराठी फिल्म 'म्होरक्या' ने जीता, जबकि सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन का पुरस्कार 'द फिश करी' और 'द बास्केट' ने साझा किया।