नई दिल्ली: भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत सितारवादक पंडित रविशंकर की पूर्व पत्नी और दिग्गज संगीतकार अन्नपूर्णा देवी का शनिवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 91 साल की थीं।
अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उनका तड़के 3 बजकर 51 मिनट पर निधन हुआ। वह पिछले कुछ बरसों से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं।
अन्नपूर्णा देवी हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध भारतीय सुरबहार वादक थीं।
उन्होंने सितारवादक पंडित रविशंकर से शादी की थी। बाद में उनकी शादी टूट गई थी। रवि शंकर से तलाक के बाद उन्होंने कभी पब्लिक में परफॉर्म नहीं किया।
अन्नपूर्णा देवी का जन्म 23 अप्रैल 1927 को हुआ था। उनका असली नाम रोशनआरा खान था। उनका जन्म मध्य प्रदेश के मैहर शहर में उस्ताद ‘बाबा’ अलाउद्दीन खान और मदीना बेगम के घर में हुआ था। प्यार से लोग उन्हें ‘मां’ बुलाते थे। वह चार भाई-बहनों में वह सबसे छोटी थीं। महान सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान उनके भाई थे।
अन्नपूर्णा देवी अपने पिता की शिष्या थीं। पांच साल की छोटी उम्र से ही उन्होंने संगीत की शिक्षा आरंभ की और और वह सितार से लेकर सुरबहार तक में पारंगत हो गईं।
अपने जीवन का ज्यादातर हिस्सा उन्होंने एकांतवास में बिताया। उन्होंने अपना ज्यादातर समय चुनिंदा छात्रों के समूह को प्रशिक्षित करने में व्यतीत किया।
उन्होंने सितारवादक पंडित रविशंकर से शादी की थी और उनका एक बेटा शुभेन्द्र ‘शुभो’ शंकर था, जिनका 1992 में निधन हो गया था।
उन्होंने 1982 में एक प्रबंधन सलाहकार रूशि कुमार पांड्या से शादी थी। पांड्या का 2013 में निधन हो गया।
प्रवक्ता ने बताया कि उनके शिष्यों में आशीष खान (सरोद), अमित भट्टाचार्य (सरोद), बहादुर खान (सरोद), बसंत काबरा (सरोद), हरिप्रसाद चौरसिया (बांसुरी), जतिन भट्टाचार्य (सरोद), निखिल बनर्जी (सितार), नित्यानंद हल्दीपुर (बांसुरी), पीटर क्लाट (सितार), प्रदीप बारोट (सरोद), संध्या फड़के (सितार), सास्वती साहा (सितार), सुधीर फड़के (सितार), सुरेश व्यास (सरोद) शामिल हैं।
(पीटीआई इनपुट के साथ)