रानी मुखर्जी अभिनीत 'मर्दानी 2' के खिलाफ कोटा में विरोध जारी है। यहां के पार्षद गोपाल मंडा ने फिल्म से शहर का नाम हटाए जाने की अपील करते हुए सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक गोपी पुथरण एवं सूचना व प्रसारण मंत्रालय को कानूनी नोटिस भेजा है। वकील अश्विन गर्ग के मुताबिक, नोटिस में, फिल्म में कोटा का नाम बदलने की मांग इस दावे के साथ की गई है कि इससे शहर की छवि धूमिल हो रही है और यह भी चेतावनी दी गई है कि जब तक शहर का नाम हटाया नहीं जाता, फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी जाएगी और मामले को उच्च न्यायालय में ले जाया जाएगा।
इस विवाद की शुरुआत फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होने के बाद से हुई है। इसमें एक सीरियल रेपिस्ट और खूनी को दिखाया गया है जो शहर में कम उम्र की लड़कियों को अपने निशाने पर लाता है, ऐसा कहा गया है कि यह सच्ची घटना से प्रेरित है।
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रानी मुखर्जी फिल्म में पुलिस अफसर शिवानी रॉय की अपनी भूमिका को दोहरा रही हैं, जो उस अपराधी को दो दिनों में पकड़ने की बात ठान लेती हैं।
गर्ग ने आईएएनएस को बताया कि तीन दशकों से कोटा की पहचान एक शैक्षिक शहर के रूप में की गई है और ऐसे में अपराध से इस शहर को जोड़ना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा, "भारत के हर प्रांत से लगभग ढाई लाख विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने के लिए यहां आते रहे हैं। इस तरह की एक फिल्म को देशभर में दिखाए जाने के बाद कौन अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए यहां भेजना चाहेगा?"