'बाहुबली' फेम एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी बिग-टिकट फिल्म 'आरआरआर' इन दिनों गहरे संकट में है। यदि आंध्र प्रदेश में चल रहे टिकट की कीमत को ध्यान में रखा जाए, तो फिल्म को बड़ा नुकसान होगा। बड़े बजट की फिल्म होने के कारण मेकर्स इस मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
'आरआरआर' के निमार्ता जाहिर तौर पर खरीदार के लिए बिक्री मूल्य कम करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि 20 फीसदी की कटौती से भी 20 करोड़ रुपये का भारी नुकसान होगा। विश्लेषकों का मानना है कि उपरोक्त कीमतों पर भी बजट निवेश हासिल करने का कोई तरीका नहीं है। वहीं चर्चा थी कि आरआरआर का प्रोडक्शन हाउस डीवीवी एंटरटेनमेंट मुद्दों को सुलझाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाएगा।
हैरानी की बात यह है कि डीवीवी एंटरटेनमेंट्स ने एक ट्वीट के साथ कहा कि वे कानूनी सहारा नहीं लेंगे और इसके बजाय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से टिकट मूल्य निर्धारण के मुद्दों को हल करने का अनुरोध करेंगे।
निमार्ताओं ने लिखा कि यह सच है कि टिकट की कीमतों में कमी से हमारी फिल्म पर काफी असर पड़ेगा। लेकिन हमारा अदालत जाने का कोई इरादा नहीं है। हम आंध्र प्रदेश के माननीय सीएम गरु से संपर्क करने और सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए अपनी स्थिति समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
आंध्र प्रदेश में टिकट मूल्य निर्धारण का मुद्दा जनसेना प्रमुख और तेलुगु स्टार पवन कल्याण द्वारा सरकार के सामने उठाए जाने के बाद शुरू हुआ।
पवन ने एक फिल्म समारोह में टिप्पणी की थी, कि मैं अपनी फिल्मों में कड़ी मेहनत करता हूं और वाईएसआरसीपी पार्टी के लोगों के विपरीत पैसा कमाता हूं, वे सीमेंट उद्योग, शराब उद्योग हैं और अवैध तरीके से पैसा कमाते हैं। पवन की इन टिप्पणियों ने सरकार को फिल्म टिकटों की कीमतों में कमी करने के लिए कानून लागू करने के लिए प्रेरित किया था।
(इनपुट-आईएएनएस)