नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और राजनेता राज बब्बर अपनी फिल्मों को लेकर जितने चर्चा में रहे हैं उतनी ही सुर्खियां उन्होंने अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी बटोरी हैं। आज वह अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं। राज बब्बर का जन्म 23 जून 1952 को उत्तर प्रदेश के टूंडला में हुआ था। बचपन से ही उनका रुझान अभिनय की ओर था और अपने इसी शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने किसी और क्षेत्र में हाथ आजमाने की बजाय 'नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा' (एनएसडी) में दाखिला ले लिय़ा। एनएसडी से पढ़ाई खत्म करने के बाद वह मुम्बई चले गए।
हर नए कलाकार की तरह मुम्बई पहुंचने के बाद राज बब्बर को बहुत कोशिशों के बाद भी फिल्मों में कहीं काम नहीं मिला। 5 सालों तक ठोकरें खाने के बाद उन्हें वर्ष 1977 में आई फिल्म 'किस्सा कुर्सी' का में अभिनय करने का पहला मौका मिला और उन्होंने बॉलीवुड में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। हालांकि उन्हें अपनी इस फिल्म से कोई खास पहचान हासलि न हुई, लेकिन 1980 में आई बी. आर. चोपड़ा की फिल्म 'इंसाफ का तराजू' के बाद से राज बब्बर दर्शकों के बीच एक जाना माना चेहरा बन गए थे। इस फिल्म में वह एक बलात्कारी का किरदार निभाते हुए नजर आए थे।(Tubelight Quick Review: कमजोर पटकथा के बावजूद चमके सलमान खान)
'इंसाफ का तराजू' की सफलता के बाद राज बब्बर बी.आर. चोपड़ा के चहीते सितारों में से एक बन गए थे, इसके बाद से उन्होंने राज बब्बर को लगभग अपनी हर फिल्म में काम देना शुरु कर दिया था। राज बब्बर को उन सितारों में एक कहा जाता है जो किसी भी तरह के किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारने में माहिर है। फिर चाहे वह हीरो या कोई विलन राज बब्बर इनमें बिल्कुल फिट बैठते हैं। उन्होंने लगभग 200 फिल्मों में काम किया है। जिनमे 'कलयुग', 'निकाह', 'अगारे', 'वारिस', 'घायल', 'आंखें', 'बरसात', 'महाराजा', 'बाघी', 'इंडियन', 'लोक करगिल', 'बंटी और बबली', 'कर्ज', 'बॉडीगार्ड', 'खिलाड़ी 786' जैसी फिल्में अहम रहीं।
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