नई दिल्ली: अभिनेता से निर्देशक बने राहुल बोस पिछले कुछ वक्त से अपनी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पूर्णा’ को लेकर चर्चा में छाए हुए हैं। इस फिल्म से वह लंबे अर्से के बाद एक बार फिर निर्देशन क्षेत्र में उतरे हैं। इसके लिए वह खास वजह बताते हैं कि पूर्णा की कहानी का प्रेरणात्मक और भावनात्मक होना। बकौल राहुल, वह अपनी फिल्मों के जरिए देश की उन प्रतिभाओं को दुनिया के सामने रखना चाहते हैं, जिनसे लोग अनजान हैं और इसी कड़ी में पहली फिल्म है 'पूर्णा' जो आज रिलीज हो गई है।
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दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म में पूर्णा के मेंटर आर.एस. प्रवीण कुमार का किरदार निभा रहे राहुल को पूर्णा की कहानी इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसका निर्देशन और निर्माण करने का मन बना लिया। राहुल बताते हैं, "जब मैंने पूर्णा की कहानी सुनी तो खुद को इसका निर्देशन करने से रोक नहीं पाया। कौन नहीं जानना चाहेगा उस बच्ची की कहानी, जिसने 13 साल की उम्र में एवरेस्ट फतह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह पूरी तरह से व्यावसयिक फिल्म साबित होगी।"
राहुल बोस ने एक साक्षात्कार में बताया, "पूर्णा ने तेलंगाना के छोटे से पकाला गांव की झोपड़ी से निकलकर एवरेस्ट छूने का सफर तय किया है। मुझे निर्देशक के नाते लगा कि जब एक गरीब जनजातीय लड़की इस तरह का कानामा कर सकती है तो कौन नहीं कर सकता और इस वजह से इस कहानी को लोगों तक पहुंचाना जरूरी लगने लगा, क्योंकि जब लोग इसे देखेंगे तो उन्हें पता लगेगा कि वे भी वही सपना देख सकते हैं जो पूर्णा ने देखा।"
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