बॉलीवुड इंडस्ट्री में जब राजकुमार का नाम आता है तो ऐसे एक्टर की छवि सामने आती है जिसमें अपनी ठाठ और शानदार लाइफस्टाइल के साथ अपनी बुलंद आवाज से हर किसी को दीवाना बना दिया। 8 अक्टूबर 1926 बलुचिस्तान में जन्मे राजकुमार अपने बेबाक बोल के कारण भी जाने जाते थे। राजकुमार ने तिरंगा, पकीजा, मदर इंडिया, सौदागर जैसी कई शानदार फेमस फिल्में की। हर एक फिल्म में उन्होंने बेहतरीन डायलॉग्स कहे। जिसका हर कोई दीवाना हो गया। 3 जुलाई 1996 में गले के कैंसर के कारण वह इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनके बेहतरीन डायलॉग्स आज भी हिंदी सिनेमा में याद किए जाते है।
हम वो कलेक्टर नहीं जिनका फूंक मारकर तबादला किया जा सकता है। कलेक्टरी तो हम शौक़ से करते हैं, रोज़ी-रोटी के लिए नहीं। दिल्ली तक बात मशहूर है कि राजपाल चौहान के हाथ में तंबाकू का पाइप और जेब में इस्तीफा रहता है। जिस रोज़ इस कुर्सी पर बैठकर हम इंसाफ नहीं कर सकेंगे, उस रोज़ हम इस कुर्सी को छोड़ देंगे। समझ गए चौधरी!
साल 1989 में आईं फिल्म सूर्या का यह डायलॉग काफी फेमस हुआ था। इस फिल्म में राजकुमार कलेक्टर राजपाल चौहान का किरदार निभा रहे थे।
जब राजेश्वर दोस्ती निभाता है तो अफसाने लिक्खे जाते हैं.. और जब दुश्मनी करता है तो तारीख़ बन जाती है।
साल 1991 में आईं फिल्म सौदागर का यह डायलॉग आज भी लोगों के दिलों में राज़ करता है।
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जानी.. हम तुम्हे मारेंगे, और ज़रूर मारेंगे.. लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक़्त भी हमारा होगा।
साल 1991 में आईं फिल्म सौदागर का यह डायलॉग काफी फेमस हुआ था।
जिसके दालान में चंदन का ताड़ होगा वहां तो सांपों का आना-जाना लगा ही रहेगा
साल 1994 में आईं फिल्म 'बेताज बादशाह' में राजकुमार के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा, ममता कुलकर्णी, गुलशन ग्रोवर और मुकेश खन्ना जैसे फेमस स्टार्स थे।
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ना तलवार की धार से न गोलियों की बौछार से..बंदा डरता है तो बस पर्वतदिगार से
साल 1993 में आईं फिल्म 'तिरंगा' आज भी लोगों के दिलों में राज़ करती है। इस फिल्म में नाना पाटेकर ने भी बेहतरीन रोल किया था। इस फिल्म में राजकुमार ने ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह का किरदार निभाया था।
हमारी जुबान भी हमारी गोली की तरह है। दुश्मन से सीधी बात करती है। -'तिरंगा'
हम तुम्हे वो मौत देंगे जो ना तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी और ना ही कभी किसी मुजरिम ने सोची होगी।-तिरंगा
हम आंखों से सुरमा नहीं चुराते, हम आंखें ही चुरा लेते हैं।- तिरंगा
'बिल्ली के दांत गिरे नहीं और चला शेर के मुंह में हाथ डालने। ये बद्तमीज हरकतें अपने बाप के सामने घर के आंगन में करना, सड़कों पर नहीं।''
साल 1980 में आईं फिल्म 'बुलंदी' का ये डायलॉग काफी फेमस हुआ था। इस फिल्म में राजकुमार 'प्रोफेसर सतीश ख़ुराना का किरदार निभाया था।