रायपुर: फिल्मकार संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ पर चल रहा विवाद अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा। अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फिल्म 'पद्मावती' का छत्तीसगढ़ सर्व क्षत्रिय महासभा ने विरोध किया है। महासभा का अरोप है कि फिल्म में रानी पद्मावती के इतिहास को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है। महासभा के अध्यक्ष राकेश सिंह बैस ने गुरुवार को कहा कि फिल्म यदि छत्तीसगढ़ में रिलीज होती है तो, सिनेमाघरों में आगजनी की जाएगी। इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन दोनों जिम्मेदार होंगे।
बैस ने कहा, "राजपूताना के लिए जौहर लेने वाली महान विभूतियों में शुमार रानी पद्मावती का फिल्म में गलत चित्रण किया गया है। फिल्म में पद्मावती को एक प्रेमिका का रूप देकर दर्शाया गया है जो सत्य से परे है। इससे मां स्वरूपा महारानी का नहीं, बल्कि हर महिला विभूतियों का अपमान है।" उन्होंने कहा कि फिल्म को समाज के वरिष्ठों और प्रबुद्धजनों को दिखाया जाए, उसके बाद राय लेकर ही उसे प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इसका प्रदर्शन होगा तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस विरोध को लेकर क्षत्रिय समाज ने बुढ़ातालाब धरना स्थल पर संजय लीला भंसाली का पुतला भी दहन किया।
फिल्म 'पद्मावती' में अगर तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा जाता, तो इसे सेंसर बोर्ड पास ही नहीं करता। इस फिल्म पर जिन लोगों को आपत्ति है, उन्हें अदालत की शरण लेनी चाहिए, मगर सिर्फ हंगामा खड़ा करना जिनका मकसद हो, उन्हें रोक पाना भी मुश्किल है, क्योंकि कई भाजपा नेता हंगामा खड़ा करने वालों के साथ खड़े हैं। एक भाजपा सांसद ने तो मर्यादा लांघते हुए कह दिया, 'भंसाली को सिर्फ जूतों की भाषा समझ में आती है।' ऐसे ही सांसद भारत को 'न्यू इंडिया' बनाने जा रहे हैं। गौरतलब है कि फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य किरदार निभाते हुए नजर आ रहे हैं। फिल्म 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।