मेजर ध्यानचंद हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी थे। उन्हें इस खेल का जादूगर भी कहा जाता था। ध्यानचंद को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग को लेकर उद्यमी जोयता रॉय और प्रतीक कुमार एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म बना रहे हैं। इसमें उनके शुरुआती जीवन और संघर्ष की कहानी है।
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दोनों ने ‘मेजर ध्यानचंद’ डॉक्यूमेंटरी का पहला पोस्टर जारी किया। इसमें महान खिलाड़ी को हॉकी स्टेडियम की तरफ देखते हुए और रेलवे पटरी पर खाली पैर हॉकी का अभ्यास करते हुए दिखाया गया है। मीडिया से बातचीत करते हुए रॉय ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख होता है कि देश का युवावर्ग ध्यानचंद के जीवन और उनकी विरासत के बारे में कितना कम जानता है।
मिश्रा ने आगे कहा कि ‘मेजर ध्यानचंद’ खिलाड़ी के जीवन पर बनी फिल्म नहीं है। यह राष्ट्रीय ध्वज, हॉकी और हॉकी के जादूगर से जुड़ी भावना और प्रेरणा का दस्तावेज है।
ध्यानचंद ने 1928,1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पद जीतवाने में अहम भूमिका अदा की। इसके अलावा उन्होंने 1926 से 1949 के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैच खेले और 185 मैच में 570 गोल दागे। उन्हें 1956 में पद्म भूषण से नवाजा गया।
देश में प्रत्येक साल उनके जन्मदिन 29 अगस्त के मौके को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने खेल के क्षेत्र के सर्वोच्च सम्मान का नाम ‘मेजर ध्यानचंद रत्न’ करने का निर्णय लिया।