नई दिल्ली: प्रियंका चोपड़ा जोनस एक आत्मविश्वासी अभिनेत्री और निर्माता हैं। अब वह बिना दबाव महसूस किए अपने किरदारों को निभा सकती हैं और जिम्मेदारियों को भी उठा सकती हैं। प्रियंका का कहना है कि अब उन्होंने खुद पर दबाव लेना बंद कर दिया है जब वह उस प्वॉइंट या बिंदु तक पहुंच चुकी हैं जहां वह स्थिति को अपने तरीके से नियंत्रित कर सकती हैं और जिस तरह के काम वह करना चाहती हैं, उन्हें चुन सकती हैं।
पूर्व मिस वर्ल्ड प्रियंका ने साल 2003 में फिल्म 'द हीरो : लव स्टोरी ऑफ एक स्पाई' से बॉलीवुड में अपनी पारी की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने 'ऐतराज', 'डॉन', 'फैशन', '7 खून माफ' और 'बर्फी' जैसी फिल्मों में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। आज प्रियंका एक निर्माता भी हैं जिन्होंने 'वेंटीलेटर' और 'पानी' जैसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में भी बनाई हैं।
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उनकी हालिया बॉलीवुड फिल्म 'द स्काई इज पिंक' में प्रियंका एक मुख्य किरदार में हैं और इसके साथ ही साथ वह इस फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं। अब चूंकि इस तरह से वह एक दोहरी भूमिका में हैं, तो क्या उन पर किसी तरह का कोई दबाव है?
प्रियंका ने आईएएनएस को बताया, "कई सालों पहले मैं दबाव लेती थी, लेकिन अब मैं नहीं लेती। मुझे लगता है कि अब मैंने प्रेशर लेना बंद कर दिया है जब मैं उस बिंदु पर पहुंच गई हूं, जहां मैं जिस तरह के काम करना चाहती हूं, उनका चुनाव खुद कर सकती हूं..जब मुझे लोगों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा कि वह आए और मेरे साथ काम करे। यह बदलाव काफी लंबे समय पहले नहीं आया है, शायद ऐसा महज चार या पांच साल पहले से हुआ हो सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "दुर्भाग्यवश महिला अभिनेत्रियों के साथ फिल्म में कास्ट होने से पहले मंजूरी के लिए कई लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह सच्चाई है। सुनने में कठिन है, लेकिन सच है। हाल ही में ऐसा मेरे साथ भी हुआ। मुझे लगता है कि इसी से मुझे एक निर्माता बनने, जिस फिल्म को मैं बनाना चाहती थी उसे बनाने के लिए आत्मविश्वास की भावना मिली।"
इनपुट- आईएनएस