नई दिल्ली: विशाल भारद्वाज की फिल्म 'पटाखा' की शुरुआत बहुत धीमी रही, लेकिन फिल्म ने दूसरे दिन थोड़ी रफ्तार पकड़ी। हालांकि जिस तरह के रिव्यू इस फिल्म को मिले हैं, उस हिसाब से फिल्म की कमाई और अच्छी होनी चाहिए थी। फिल्म ने पहले दिन 90 लाख रूपये का कलेक्शन किया था। शनिवार को फिल्म ने 1.40 करोड़ रूपये कमाए हैं। इस तरह से फिल्म ने दो दिनों में 2.30 करोड़ रूपये का बिजनेस किया है।
फिल्म क्रिटिक और ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट किया- ''दूसरे दिन पटाखा की कमाई सकारात्मक रही। तीसरे दिन और अच्छी कमाई करनी होगी। मंगलवार को हॉलिडे का फायदा मिल सकता है। शुक्रवार 90 लाख रूपये, शनिवार 1.40 करोड़ रूपये। कुल- 2.30 करोड़ रूपये [875 स्क्रीन्स]... भारत।''
Patakha Movie Review:
दो बहने हैं, दोनों चोटी पकड़-पकड़कर एक दूसरे से लड़ती हैं, एक-दूसरे को गोबर पर फेंककर मारती हैं, दोनों की लड़ाई भारत-पाकिस्तान के युद्ध की तरह है, और दोनों लड़कियां पटाखे की तरह हैं जो कभी भी फट सकती हैं। इन दो बहनों का नाम है चंपा और गेंदा लेकिन ये अपने नाम से नहीं जानी जाती हैं, बल्कि इन्हें बड़कू और छोटकू कहा जाता है। इनके एक बापू हैं, मां नहीं हैं। बापू के पैसे की जरूरत है, इसकी वजह से उन्हें अपनी दोनों में से एक बेटियों की शादी अमीर विधुर से करनी है, लेकिन शादी वाले दिन पहले बड़कू और फिर छोटकू मंडप से भाग जाती हैं, और अपने-अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी कर लेती हैं। दो बहनें जो एक-दूसरे की शक्ल भी नहीं देखना चाहती हैं उनकी शादी भी एक ही घर में हो जाती है। अब क्या होगा?
बात हो रही है फिल्म ‘पटाखा’ की जिसमें छोटकू हैं सान्या मल्होत्रा और बड़कू हैं राधिका मदान। इन दोनों की मां नहीं हैं एक बापू है जो दोनों का झगड़ा शांत कराने में पागल हो जाता है। बापू बने हैं विजय राज। अब इन दोनों बहनों की लड़ाई को बढ़ाने वाला भी एक शख्स है नाम है डिप्पर। सुनील ग्रोवर ने ये किरदार निभाया है जब दोनों बहनें इसकी बातों में आकर लड़ने लगती हैं तो ये बंदा ढोल बजाकर पब्लिक इकट्ठी कर लेता है।
पहले एक्टिंग की बात करते हैं राधिका मदान इससे पहले टीवी सीरियल्स में नजर आई हैं, जिसमें उनका रोल बेहद स्टीरियोटाइप था, सान्या मल्होत्रा का काम हमने दंगल में देखा है इसलिए नजर राधिका पर थी। क्या कमाल का काम किया है राधिका ने देखते ही बनता है। सान्या कहीं भी राधिका से कम नहीं हैं, दोनों एक से बढ़कर एक हैं। डिप्पर का रोल सुनील ग्रोवर को एक अलग मुकाम पर लेकर जाएगा। विजय राज भी खूब जंचे हैं। कुल मिलाकर यहां ये कह सकते हैं कि एक्टर और डायरेक्टर की जोड़ी बहुत बढ़िया है।
इस फिल्म में दोनों बहनों को भारत-पाकिस्तान बताया गया है जो बेवजह एक दूसरे पर बम फोड़ते हैं, फिल्म कई जगह पॉलिटिकल सटायर करती है, ‘अमरीका बैठा है’, ‘ट्रंप-मोदी’ और 'भारतीय फौज' जैसे बहुत सारे प्वाइंट्स को लेकर व्यंग्य है जो आपको हैरान कर देंगे और ये फिल्म को मजेदार भी बना रहे हैं।
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