नई दिल्ली: भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर कई बार बैन लग चुका है लेकिन अब पाकिस्तान फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (PFPA) ने मांग की है कि भारतीय फिल्मों की रिलीज को पाकिस्तान में पूरी तरह से बैन कर दिया जाए।
इस एसोसिएशन के एक सीनियर अफसर चौधरी एजाज कामरान ने कहा- जब पाकिस्तानी फिल्में भारत में रिलीज नहीं होती हैं, तो भारतीय फिल्में यहां क्यों रिलीज होनी चाहिए। हमें इस मामले को सीरियसली लेना चाहिए, क्योंकि इससे हमारे देश के ड्रिस्ट्रीब्यूटर्स पैसे तो काफी कमा लेते हैं लेकिन लॉन्ग टर्म में यह हमारी इंडस्ट्री के लिए खतरा है।
हाल ही में पाकिस्तान में पैडमैन, वीरे दी वेडिंग, मुल्क और राजी जैसी फिल्मों की स्क्रीनिंग पर रोक लगी थी। ये फिल्में पाकिस्तान में रिलीज नहीं की गईं।
PFPA ने भारतीय प्रधानमंत्री इमरान खान को एक लेटर भेजा है और इस मुद्दे पर सही डिसीजन लेने को कहा है। लेटर में उन्होंने लिखा है- अगर भारतीय फिल्मों पर बैन नहीं लगाया गया तो लोकल सिनेमा ओनर भारतीय फिल्मों को तरजीह देंगे और हमारी इंडस्ट्री का नुकसान होगा।
लाहौर हाई कोर्ट में भी भारतीय फिल्मों के बैन को लेकर याचिका दायर की गई है।
हालांकि इस पर पाकिस्तानी ड्रिस्ट्रीब्यूटर का मानना है कि अगर ये फैसला हुआ तो हमारी इंडस्ट्री एक कदम पीछे चली जाएगी। भारतीय फिल्में यहां के सिनेमा ओनर को अच्छा रिवेन्यू देती हैं और कॉस्ट भी रिकवर कर लेती हैं। जब पिछली बार भारतीय फिल्में यहां बैन हुई थीं तब हमारी इंडस्ट्री को नुकसान हुआ था।