नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘पद्मावत’ आखिरकार 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही है। सेंसर बोर्ड की तरफ से कहा जा रहा था कि फिल्म में सिर्फ 5 बदलाव हमने मांगे हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये 5 बदलाव करने के लिए फिल्ममेकर्स को फिल्म में करीब 300 कट लगाने होंगे। साथ ही फिल्म में जहां भी मेवाड़, दिल्ली और चित्तौड़गढ़ का जिक्र है उसे भी पूरी तरह हटाना है। ऐसे में जब यह फिल्म दर्शकों के सामने आएगी तो इसका रूप काफी बदला हुआ होगा। इसे पूरी तरह एक काल्पनिक कहानी के रूप में पेश किया जाएगा।
यह फिल्म साल भर से चर्चा में है। फिल्म की शूटिंग के वक्त भी काफी विवाद हुआ था। फिल्म के सेट पर आग लगा दी गई थी और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को थप्पड़ भी मारा गया था। फिल्म की रिलीज डेट आने के बाद करणी सेना ने खूब बवाल मचाया और फिल्म को किसी भी कीमत पर रिलीज नहीं होने दी। संजय लीला भंसाली के पुतले जलाने से लेकर दीपिका को नाक तक काटने की धमकी दी गई। अब सेंसर बोर्ड के आदेश के बाद फिल्म में इस बात का डिस्क्लेमर भी देना होगा कि यह एक काल्पनिक कहानी है।
'पद्मावत' की तुलना शाहिद कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म 'उड़ता पंजाब' से भी हो रही है, जिसमें तत्कालीन सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने पंजाब, जालंधर, चंडीगढ़, अमृतसर, तरनतारन, लुधियानी और मोगा जैसी जगहों के नाम हटाने को कहा था। हालांकि फिल्म के निर्माताओं कोर्ट में लड़ाई जीत ली थी।
फिल्म की रिलीज को 2017 के आखिर में हिमाचल और गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव से भी जोड़ा गया। चूंकि दोनों राज्यों में राजपूत समाज के वोटर बड़ी संख्या में थे, इसलिए ज्यादातर राजनीतिक दलों ने फिल्म पर रोक लगाने की वकालत की।
फिल्म को सेंसर बोर्ड ने 2 इतिहासकारों की मौजूदगी में देखी और 5 संशोधनों के बाद यू/ए सर्टिफिकेट देने की बात कही। लेकिन हम जिस 5 बदलाव को लेकर खुश हो रहे थे ये जानकर कि ये 5 संशोधन 300 कट हैं हमारी खुशी भी दुख में तब्दील हो गई है।